CM शिवराज ने कहा अनुसूचित वर्ग को शासन की योजनाओं का लाभ प्राथमिकता से दिलाएँ

भोपाल
मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने कहा है कि अनुसूचित-जाति और अनुसूचित-जनजाति वर्ग के लिये चलाई जा रही सभी योजनाओं का संवेदनशीलता से क्रियान्वयन सुनिश्चित किया जाये। इसके लिए व्यवस्था में आवश्यक परिवर्तन करने की जरूरत हो तो उसे भी तत्काल अमल में लाएँ। राज्य शासन की प्राथमिकता अजा-अजजा वर्ग के आर्थिक, शैक्षणिक और सामाजिक विकास की है। इसलिये जरूरी है कि राज्य सरकार द्वारा इन वर्गों के लिये क्रियान्वित की जा रही विभिन्न योजनाओं एवं कल्याणकारी कार्यक्रमों का लाभ हर हाल में उन तक पहुँचे।

मुख्यमंत्री चौहान ने कहा कि अनुसूचित वर्गों के लिये शासन द्वारा संचालित छात्रावासों की व्यवस्थाएँ दुरुस्त करने की जरूरत है। इस सिलसिले में अधिकारियों को तत्काल कदम उठाने होंगे। उन्होंने कहा कि छात्रावासों को ठीक किया जाये और मरम्मत के लिये राशि दी जाये। मुख्यमंत्री चौहान ने संबंधित अधिकारियों से पूछा कि उन्होंने कितनी बार हॉस्टलों का दौरा किया। उन्होंने निर्देश दिये कि विभाग के प्रमुख सचिव तथा आयुक्त भी दौरे करें और छात्रावासों की सभी व्यवस्थाएँ पुख्ता बनायें। पेयजल सहित सभी इंतजाम पुख्ता होने चाहिये और अधीक्षकों को अपने काम के प्रति समर्पित होना चाहिये।

मुख्यमंत्री चौहान ने कहा कि सिस्टम को पारदर्शी रखना जरूरी है। संबंधित अधिकारी लोगों से संवाद करें और प्रतिबद्ध लोगों को जोड़ें। मुख्यमंत्री चौहान ने साफ शब्दों में कहा कि 6 माह में व्यवस्थाएँ दुरुस्त की जायें। उन्होंने रिक्त पदों के बारे में भी अधिकारियों से चर्चा की। मुख्यमंत्री चौहान ने कहा कि सरकार का लक्ष्य है कि अनुसूचित वर्गों के लोगों को जरूरी तौर पर काम दिया जाए। उनका आर्थिक सशक्तिकरण किया जाए। साथ ही हितग्राहीमूलक योजनाओं से अनुसूचित-जाति और जनजाति के लोगों को जोड़ा जाये। मुख्यमंत्री चौहान ने वनाधिकार पट्टा दिये जाने के भी निर्देश दिये। मुख्यमंत्री चौहान ने साफतौर पर कहा कि प्रतिनियुक्ति की स्थितियाँ वांछनीय नहीं हैं। विभागीय मंत्री सुश्री मीना सिंह ने भी प्रतिनियुक्तियों को लेकर इस बात पर जोर दिया कि इसे बंद किया जाये।

मुख्यमंत्री चौहान ने कहा कि अनुसूचित जाति एवं जनजाति क्षेत्र में स्कूलों में प्राचार्यों की नियुक्ति के लिये तत्काल अपेक्षित कदम उठाये जायें। उन्होंने कहा कि अनुसूचित-जाति और जनजाति के निगमों को पुनर्जीवित करने की पहल की जायेगी। मुख्यमंत्री चौहान ने कहा कि इस वर्ग के सामाजिक सशक्तिकरण के प्रति एक नये एप्रोच की जरूरत है। मुख्यमंत्री चौहान ने कहा कि अनुसूचित वर्गों से जुड़े अत्याचार के मामलों पर कार्यवाही में विलम्ब नहीं होना चाहिये। मुख्यमंत्री ने अनुसूचित वर्गों के कौशल उन्नयन तथा छात्रावासों और छात्रवृत्ति के संबंध में भी समीक्षा की।

जनजातीय कार्य एवं अनुसूचित जाति कल्याण मंत्री मीना सिंह ने विभागीय योजनाओं के क्रियान्वयन एवं उपलब्धि की जानकारी दी। उन्होंने अनुसूचित वर्गों की समस्याओं से जुड़े मसलों पर प्रकाश डाला। उन्होंने कहा कि अनुसूचित-जाति एवं जनजाति के लोगों के हितों की रक्षा के लिये अधिकारियों को तत्परतापूर्वक कदम उठाने चाहिये। सुश्री सिंह ने अनुसूचित वर्गों के लोगों के कल्याण के लिये मुख्यमंत्री चौहान द्वारा उठाये जा रहे कदमों को रेखांकित किया और आशा व्यक्त की कि आने वाला समय अनुसूचित वर्गों के लिये नई खुशहाली का संदेश लायेगा।

प्रमुख सचिव पल्लवी जैन गोविल ने अनुसूचित वर्गों के लिये सरकार द्वारा उठाये जा रहे कदमों के परिप्रेक्ष्य में जानकारी दी। उन्होंने बताया कि 1900 करोड़ की प्रस्तावित लागत के 95 सीएम राइज स्कूल बनाये जायेंगे। साथ ही 200 भवनविहीन आश्रमों, छात्रावासों और कन्या शिक्षा परिसरों में लघु निर्माण एवं सुदृढ़ीकरण भी प्रस्तावित है। इनके अलावा 72 निर्माणाधीन एकलव्य एवं कन्या शिक्षा परिसर, 37 ऑडिटोरियम एवं विशिष्ट क्रीड़ा परिसर, 53 सांस्कृतिक केन्द्र एवं सामुदायिक भवन और 5 कौशल विकास केन्द्र का निर्माण किया जा रहा है। इस दौरान मुख्य सचिव इकबाल सिंह बैंस, आयुक्त जनसम्पर्क राघवेन्द्र सिंह एवं अन्य वरिष्ठ अधिकारी उपस्थित थे।