भोपाल
राज्य निर्वाचन आयोग द्वारा पंचायत चुनाव कराने के लिए कर्मचारियों व अधिकारियों की ड्यूटी लगाने को लेकर दिए गए निर्देशों को कलेक्टर नहीं मान रहे हैं। कई जिलों में कलेक्टरों ने साठ साल की उम्र पार कर चुके अधिकारियों व कर्मचारियों की ड्यूटी लगाकर उन्हें ट्रेनिंग तक दे दी है । कर्मचारियों का कहना है कि जिला निर्वाचन अधिकारी यह कहते हैं कि चुनाव उन्हें कराना है और जिसकी इच्छा होगी, उसकी ड्यूटी लगाएंगे।
आयोग ने एक सप्ताह पहले चुनाव ड्यूटी लगाए जाने को लेकर अलग से निर्देश जारी किए थे। इसमें साफ कहा गया है कि साठ साल से अधिक उम्र के कर्मचारियों, अधिकारियों और दिव्यांग व निशक्तजनों को मतदान ड्यूटी में शामिल नहीं किया जाएगा। इनके साथ ही न्यायिक कर्मचारियों और आवश्यक सेवाओं में शामिल कर्मचारियों को भी मतदान ड्यूटी से राहत दी गईा है। आयोग ने यह निर्देश भी दिए हैं कि संविदा के रूप में तीन साल से काम कर रहे कर्मचारियों को मतदान दल में कर्मचारियों की संख्या कम होने पर ड्यूटी में तैनात किया जा सकेगा लेकिन ये कर्मचारी पीठासीन अधिकारी और मतदान अधिकारी क्रमांक एक नहीं बनाए जाएंगे। इन्हें मतदान अधिकारी क्रमांक दो या तीन बनाया जा सकता है।
सहकारी संस्थाओं और मंडी समितियों के कर्मचारियों की ड्यूटी मतदान दल में लगाई जा सकेगी लेकिन उन्हें पीठासीन अधिकारी नहीं बनाया जा सकेगा। इसके विपरीत सागर समेत कई जिलों में यह शिकायत सामने आई है कि साठ साल की उम्र पार कर चुके कर्मचारियों की ड्यूटी चुनाव में लगा दी गई है और जब कार्यालय प्रमुखों ने आयोग के निर्देश बताए तो उनसे कहा गया है कि चुनाव उन्हें कराना है तो जो सिस्टम है, उसके अनुसार कराएंगे। गौरतलब है कि आयोग ने यह व्यवस्था भी तय की है कि मतदान कराने वाले पीठासीन अधिकारियों और मतदान अधिकारियों की जिलों में कमी होने पर संभागायुक्त इसका इंतजाम कराएंगे। इसके लिए कलेक्टरों की डिमांड पर दूसरे जिलों से मतदान दल बुलाए जाएंगे लेकिन कलेक्टर इसे मानने को तैयार नहीं हैं।