छतरपुर
महाराजा छत्रसाल बुन्देलखण्ड विश्वविद्यालय में विद्यार्थियों की सुविधा के लिए विश्व बैंक से मिली 4 करोड़ 56 लाख रूपए की राशि से निर्माण कार्य शुरू हो गया है। राज्य सरकार की अनुमति के बाद एक तीन मंजिल इमारत में 24 नए कमरे बनाए जाने हैं। ठेकेदार कंपनी को इस निर्माण कार्य के लिए 6 माह का लक्ष्य निर्धारित किया गया है।
विश्वविद्यालय के कुलसचिव डॉ. जेपी मिश्रा ने बताया कि राज्य सरकार ने इस बजट को छतरपुर विश्वविद्यालय के लिए आवंटित कर दिया है। बजट के आवंटन के साथ ही निर्माण कार्य शुरू हो गया है। महाराजा कॉलेज के पुराने पार्किंग एरिया के समीप एक जीर्णशीर्ण इमारत को हटाकर यहां पर यह नई बिल्डिंग बनाई जा रही है। कार्य गुणवत्ता पूर्ण हो इसका ध्यान रखा जा रहा है। 6 माह में भवन के तैयार होने के बाद विद्यार्थियों को काफी सुविधा हो जाएगी।
पुरानी पार्किग के पास बन रही क्लासें
शासन ने महाराजा के विलय के पहले ही विश्वविद्यालय में नए क्लासरुम में बनाने के लिए 4.56 करोड़ रुपए की राशि दी है। इस राशि से विश्वविद्यालय में लगातर बढ़ती छात्र संख्या को देखते हुए क्लासरुम बनाए जा रहे है। इस बार महाराजा छत्रसाल बुंदेलखंड विश्वविद्यालय में 14 हजार से ज्यादा एडमिशन हुए हैं, जो पूरे प्रदेश में किसी भी विश्वविद्यालय में सबसे ज्यादा एडमिशन हैं। यही वजह है कि नए क्लास रुम की जरूरत है। महाराजा कॉलेज के कैंपस में अभी तक 8 से 10 हजार छात्र-छात्राएं ही पढ़ते रहे हैं। कैंपस में ही विवि शुरु होने से क्लासरुम की जरूरत बढ़ गई है।
गौरया रोड पर अकादमिक भवन की नहीं मिल राशि
नए क्लासरुम बनाए जाने के साथ ही गौरया में आवंटित जमीन पर अकादमिक व प्रशासनिक भवन के लिए 40 करोड़ की राशि अब तक विवि प्रशासन को नहीं मिल पाई है। इस राशि से विश्वविद्यालय के लिए गौरया रोड पर आवंटित 418 एकड़ जमीन पर अकादमिक व प्रशासनिक भवन का निर्माण किया जाना है, जो स्वीकृति के अभाव में अब तक शुरु नहीं हो सका है।