कोरोना : ओमीक्रॉन BA.2 ने भी बढाई चिंता, चपेट में भारत सहित 40 देश

भोपाल
मध्यप्रदेश में कोरोना की तीसरी लहर घातक हो गई है. पहली दो लहरों के मुकाबले तीसरी लहर खतरनाक शक्ल अख्तियार कर रही है. पहली लहर में जहां पीक टाइम पर एक्टिव मरीज 6000 से अधिक थे. दूसरी लहर में एक्टिव मरीजों का यह आंकड़ा 89 हजार से अधिक था. तीसरी लहर में सिर्फ 15 दिनों में ही यह आंकड़ा 61 हजार पार पहुंच गया है. ऐसे में आशंका है कि तीसरी लहर अगले 2 से 3 दिनों में ही विकराल रूप दिखाएगी.

पहली-दूसरी-तीसरी लहर की रफ्तार
प्रदेश के स्वास्थ्य विभाग के एक्सपर्ट्स के अनुसार जनवरी के आखिरी सप्ताह और फरवरी के शुरुआती दौर में कोरोना पीक पर होगा.

हेल्थ इंफ्रास्ट्रक्चर हुआ मजबूत
फर्स्ट और सेकेंड वेव के मुकाबले थर्ड वेव में सिर्फ ट्रीटमेंट पॉजिटिव इंडिकेटर्स शो कर रही है. सेकेंड वेव के दौरान हेल्थ को लेकर जितनी भी खामियां थीं, वे सुधारी गईं. हॉस्पिटलों में ऑक्सीजन प्लांट लगाए गए. ताकि थर्ड वेव में जरूरत पड़ने पर ऑक्सीजन की कमी के चलते किसी की जान न जाए. इसके लिए वेंटिलेटर, कोविड केयर सेंटर भी बनाए गए. कई संसाधन हॉस्पिटलों में दिए गए.

एमपी में भी तीसरी लहर से खौफ
प्रदेश में पहला कोरोना मरीज 20 मार्च 2020 को जबलपुर में मिला था. भोपाल में 22 मार्च 2020 को पहला मरीज मिला था. 2020 के 4 सितंबर तक एक्टिव मरीजों की संख्या 63000 से अधिक थी. दूसरी लहर में पीक समय 25 अप्रैल 2021 को माना गया था. जब सबसे अधिक पॉजिटिव मरीज 1 दिन में मिले थे, जिनकी संख्या 13,601 थी. तीसरी लहर में मात्र 15 दिन में ही पॉजिटिव मरीजों की 1 दिन की संख्या 11,274 से अधिक हो गई है और कुल एक्टिव मरीज 61 हजार से अधिक हैं.

MP में जीनोम सीक्वेंसिंग की हवा-हवाई तैयारी
मध्यप्रदेश कोरोना सलाहकार समिति के सदस्य एसपी दुबे कहते हैं कि तीसरी लहर में पीक टाइम अब जल्दी आने को है. या यूं कहें आ चुका है क्योंकि जिस तरह से कोरोना संक्रमितों की संख्या लगातार बढ़ रही है, उसको देखकर कहा जा सकता है कि जल्द ही कोरोना अपने पीक समय पर होगा. इसलिए लोगों को पूरी सावधानी के साथ रहना होगा.

ओमीक्रॉन बीए.2 की आमद
भारत समेत दुनिया के कई देशों में ओमीक्रॉन बीए.2 दस्तक दे चुका है. ब्रिटेन में इसके 426 मामले पकड़ में आ चुके हैं. इसकी पहचान जीनोम सिक्वेंसिंग से हो रही है. यह वैरिएंट बीए.1 की तरह म्यूटेट नहीं करता. लिहाजा इसे डेल्टा से अलग नहीं माना जा रहा. मीडिया रिपोर्ट्स में भारत, फ्रांस, ब्रिटेन और डेनमार्क समेत 40 देशों में इसके पहुंचने की आशंका जताई जा चुकी है. इसकी संक्रमण क्षमता सबसे तेज है.