भोपाल
प्रदेश में कोरोना की तीसरी लहर के कम होने के संकेत मिलने लगे हैं। IIT कानपुर के प्रोफेसर राजेश रंजन का दावा है कि कोरोना की तीसरी लहर का पीक इंदौर में 23 जनवरी को आ चुका है। जबकि भोपाल के लिए अभी 2 दिन का इंतजार है। प्रदेश में ओमिक्रॉन की रफ्तार और संक्रमण दर देखें, तो 30 जनवरी को यह पीक पर रहने के संकेत दे रहा है।
मध्यप्रदेश में पिछले 24 घंटे में कोरोना के 9532 मामले सामने आए हैं। बीते एक सप्ताह का एवरेज देखें, तो आंकड़ा 8627 आता है। प्रो. रंजन का कहना है कि मध्य प्रदेश में पिछले 7 दिन में रोजाना के सैंपल टेस्ट का आंकड़ा कम-ज्यादा होता रहा है। ऐसे में अगले 2 दिन में आने वाले केस के बाद पता चलेगा कि एमपी में कोरोना का पीक आ चुका है या नहीं? हालांकि उन्होंने यह भी कहा है कि केस नहीं बढ़े तो 30 जनवरी तक पीक आ जाएगा।
पॉजिटिविटी रेट में गिरावट राहत के संकेत
प्रो. रंजन ने बताया कि मध्य प्रदेश में पॉजिटिविटी रेट में गिरावट आ रही है। यह राहत भरे संकेत हैं। यदि 7 दिन के डेटा का आकलन करें तो पिछले 24 घंटे में पॉजिटिविटी रेट 12% से नीचे आ गया है, जबकि पिछले छह दिन में यह 12% से अधिक रहा है। 22 जनवरी को यह साढ़े 13% पहुंच गया था।
पीक की परिभाषा क्या है?
लगातार 15 दिन तक रिकवर होने वाले मरीज ज्यादा और नए संक्रमित कम मिलें, तो उसे पीक कहते हैं। पीक बताता है कि वायरस को अपना प्रसार करने के लिए ज्यादा लोग नहीं मिल रहे हैं। इसकी शुरुआत पॉजिटिविटी रेट गिरने या स्थिर होने से होती है।
आंकड़े भी नहीं पेश कर रहे सही तस्वीर
कोरोना की वर्तमान लहर में बहुत सारे मामले एसिम्प्टोमेटिक रहे। बहुतों में बेहद हल्के लक्षण रहे, ऐसे में आधिकारिक आंकड़ा सही तस्वीर पेश नहीं करता। बड़ी संख्या ऐसे लोगों की है जिन्हें संक्रमण हुआ भी तो पता नहीं चला होगा। कुछ शहरों में आक्रामक टेस्टिंग की वजह से ज्यादा मामले आ रहे हैं।