सोने की बढ़ती कीमतों से घटी ग्राहक , चांदी की ओर बढ़ा ग्राहकों का रुझान

ग्वालियर
सोने की बढ़ती कीमतों को देखते हुए आम उपभोक्ता चांदी की तरफ रुख करने लगे हैं। पिछले तीन सालों में देश में चांदी की ज्वेलरी की बिक्री में 100-150 फीसदी की बढ़ोतरी हुई है। सिल्वर ज्वेलरी की डिमांड को देखते हुए इसे नया गोल्ड कहा जाने लगा है। यह बात मुंबई में शुक्रवार से शुरू हुए इंडिया इंटरनेशनल जेम्स एंड ज्वेलरी शो में उभर कर आई। यह शो सोमवार तक चलेगा। शो में शामिल होने आए आल इंडिया जेम्स एंड ज्वेलरी डोमेस्टिक काउंसिल के सदस्य संजय अग्रवाल ने बताया कि देश में सोने की तुलना में चांदी की ज्वेलरी की डिमांड तेजी से बढ़ रही है। सिल्वर आर्नामेंट इंडस्ट्री से जुड़े राहुल मेहरा ने कहा कि देश में स्मॉल टिकट साइज यानी 8-10 हजार रुपए की सिल्वर ज्वेलरी की डिमांड सबसे ज्यादा है।

अब चांदी की ज्वेलरी में सोने के समान डिजाइन बनने लगे हैं। इनकी लागत कई गुना कम होती है। इन पर गोल्ड पॉलिश हो जाने से गोल्ड जैसा लुक भी आ जाता है। ऐसे में काफी कम लागत में सोने जैसी ज्वेलरी मिल जाती है। डेस्टिनेशन वेडिंग्स में इनका इस्तेमाल काफी तेजी से बढ़ा है। सिल्वर ज्वेलरी की डिमांड बढ़ने की वजह से गोल्ड शोरूम्स में भी अब सिल्वर के लिए अलग से काउंटर लगने लगे हैं।

जनवरी में 6000% बढ़ा चांदी का आयात
जनवरी में चांदी का आयात सालाना 6000% से ज्यादा बढ़ा है। गोल्ड का आयात 40% तक घटा है। इस साल चांदी के दाम 65-66 हजार रुपए प्रति किलो रह सकते हैं। 2022 में दुनियाभर में सिल्वर ज्वेलरी की डिमांड 11% बढ़कर लगभग 31,525 टन की रिकॉर्ड ऊंचाई पर पहुंच सकती है।

एंटीबैक्टीरियल होने से बर्तन की डिमांड
एंटीबैक्टीरियल होने से कोविड के दौरान सिल्वर की कटलरी और बर्तनों की बिक्री लगभग दोगुनी हो गई है। इस साल सिल्वरवेयर की डिमांड 20% से ज्यादा बढ़ने का अनुमान है। मुंबई के ज्वेलर आरवी अग्रवाल ने कहा कि इस वर्ष चांदी का प्रदर्शन सोने से बेहतर रहने की उम्मीद है।