पेंशनरों को पेंशन पर मंहगाई राहत स्वीकृत

जबलपुर । राज्य शासन ने पेंशनरों को पेंशन पर मंहगाई राहत स्वीकृत कर सभी विभागों को स्वीकृत महंगाई राहत का शीघ्र भुगतान करने के निर्देश दिए हैं। वर्तमान में राज्य शासन के पेंशनरों, परिवार पेंशनरों को एक मई (भुगतान माह जून २०२२) से छटवें वेतन मान में मूल पेंशन, परिवार पेंशन पर १७४ प्रतिशत की दर से एवं सातवें वेतनमान में २२ प्रतिशत की दर से महंगाई राहत स्वीकृत है। राज्य शासन के आदेश पर मंहगाई राहत की दर में एक अगस्त २०२२ से छटवां वेतनमान में मंहगाई राहत दर १८९ प्रतिशत और सातवां वेतनमान में २८ प्रतिशत होगी। बढ़ी दर सितम्बर २०२२ से देय होगी। आदेश के अनुसार ८० वर्ष या उससे अधिक की आयु के पेंशनरों को देय अतिरिक्त पेंशन पर भी महंगाई राहत देय होगी। महंगाई राहत अधिवार्षिकी, सेवानिवृत्त, असमर्थता तथा क्षतिपूर्ति पेंशन पर देय होगी। सेवा से पदच्युत या सेवा से हटाए गए कर्मचारियों को स्वीकार किए गए अनुकंपा भत्ता पर भी महंगाई राहत की पात्रता होगी तथा परिवार पेंशन तथा असाधारण पेंशन प्राप्त करने वाले पेंशनरों को भी महंगाई राहत वित्त विभाग के प्रासंगिक आदेश अनुसार देय होगी। यदि किसी व्यक्ति को उसके पति-पत्नी की मृत्यु के कारण अनुकंपा के आधार पर सेवा में रखा गया है तो ऐसे मामलों में परिवार पेंशन पर महंगाई राहत की पात्रता नहीं होगी परंतु यदि पति-पत्नी की मृत्यु के समय वह सेवा में हैं तो पति-पत्नी की मृत्यु के कारण देय परिवार पेंशन पर उसे महंगाई राहत की पात्रता होगी। ऐसे पेंशनरों, जिन्होंने अपनी पेंशन का एक भाग सारांशीकृत कराया है, उन्हें महंगाई राहत उनकी मूल पेंशन पर देय होगी। यह आदेश राज्य शासन के ऐसे सेवानिवृत्त कर्मचारियों पर भी लागू होंगे जिन्होंने उपक्रमों, स्वशासी संस्थानों, मंडलों, निगमों आदि में संविलियन पर एकमुश्त राशि आहरित की है और जो पेंशन के एक तिहाई हिस्से के प्रत्यावर्तन के पात्र हो गए हैं। महंगाई राहत के भुगतान पर होने वाले रुपए के अपूर्ण भाग को अगले रुपए में पूर्णांकित किया जायेगा। संचालक पेंशन को बैंक की शाखाओं में नमूना जांच करने तथा विसंगति की स्थिति में उसका समायोजन आगामी माह के भुगतानों में करने के निर्देश दिये गये हैं। सभी पेंशन संवितरणकर्ता अधिकारियों को निर्देशित किया गया है कि वे मध्यप्रदेश कोषालय संहिता २०२० के प्रावधानों को ध्यान में रखते हुए पेंशनरों को स्वीकृत मंहगाई राहत का भुगतान सुनिश्चित करें।