खरगोन
खरगोन में रामनवमी के दिन हुई हिंसा पर सरकार एक्शन में आ गई है. जिला प्रशासन ने खरगोन में रामनवमी जुलूस पर पथराव करने वाले आरोपियों के घरों को ढाह दिया है. सोमवार शहर के संवेदनशील क्षेत्र मानें जाने वाले छोटी मोहन टाकीज क्षेत्र में भारी पुलिस फोर्स की मौजूदगी में सरकार के अधिकारी वहां बुलडोजर लेकर पहुंचे और हिंसा करने वाले आरोपियों के मकानों को ढाह दिया.
इस कार्रवाई का कांग्रेस ने विरोध किया है. कांग्रेस के वरिष्ठ नेता दिग्विजय सिंह ने ट्वीट किया, 'मामू का बुलडोज़र बलात्कार करने वालों पर और बलात्कारियों को सहयोग देने वालों पर नहीं चलता. केवल शक्ल देख कर बुलडोज़र चलाए जा रहे हैं.'
क्या है पूरा मामला?
जानकारी के लिए बता दें कि 10 अप्रैल को राम नवमी के मौके पर खरगोन में शोभायात्रा निकाली गई थी. इस यात्रा के दौरान कुछ लोगों ने पथराव किया था, जिसके बाद पूरे क्षेत्र में हिंसा शुरू हो गई थी. हिंसा के दौरान कुछ लोगों ने पेट्रोल बंब भी फेंके थे. इस पूरे घटनाक्रम में आम जनता समेत 20 पुलिसकर्मी घायल हो गए थे.
सीएम शिवराज सिंह चौहान ने दिए थे कार्यवाही के निर्देश
इस घटना को लेकर राज्य के सीएम शिवराज सिंह चौहान ने कहा है कि इस हिंसा में शामिल आरोपियों की पहचान कर ली गई है और उन्हें बख्सा नहीं जाएगी. सीएम ने कहा कि रामनवमी के अवसर पर खरगोन में हुई घटना दुर्भाग्यपूर्ण है. मध्यप्रदेश की धरती पर दंगाइयों के लिए कोई स्थान नहीं है. यह दंगाई चिन्हित कर लिए गए हैं, इनको छोड़ा नहीं जाएगा. उनके खिलाफ कठोरतम कार्यवाही की जाएगी.
कार्रवाई बन जाएगी मिसाल
इस मामले पर राज्य के गृह मंत्री नरोत्तम मिश्रा ने पहले ही कहा था कि सरकार द्वारा ऐसी कार्रवाई की जाएगी, जो पूरे देश के मिसाल बन जाएगी. नरोत्तम मिश्रा ने आज तक से खास बातचीत करते हुए कहा था, 'इस हिंसा के बाद मामले की जांच की जा रही है. जैसे ही पूरा घटनाक्रम सामने आता है, ऐसी कार्रवाई होगी जो मिसाल बन जाएगी. मध्य प्रदेश शांति का टापू है और इसे किसी सूरत में बदलने नहीं दिया जाएगा.'