बाघों की मौत पर अलग-अलग आंकड़े, विधायकों को जवाब उपलब्ध कराने वालों में तालमेल नहीं

भोपाल
पिछले 21 से 23 माह के दौरान प्रदेश में कितने बाघों की मौत हुई है इसको लेकर प्रदेश के वन विभाग की एजेंसियों में ही तालमेल नहीं है।  दो विधायकों ने विधानसभा में प्रदेश में बाघों की मौत से जुड़ी जानकारी मांगी थी। इस पर विभागीय जानकारी के आधार पर मंत्री ने एक को बताया कि तीन बाघों की मौत हुई है और दूसरे को बताया है कि दस बाघों की मौत हुई है। वहीं नवंबर 2021 में हाईकोर्ट जबलपुर में लगी जनहित याचिका में वन मंत्रालय द्वारा जानकारी दी गई थी कि पिछले एक साल में मध्यप्रदेश में 36 बाघों की मौत हुई है।

विधायक नीलांशु चतुर्वेदी ने लिखित सवाल के जरिए वन मंत्री विजय शाह से पूछा था कि मार्च 2020 से नवंबर 2021  तक प्रदेश के पन्ना और सतना जिले में बाघों की मृत्यु के कितने मामले संज्ञान में आए। वन मंत्री विजय शाह ने बताया कि प्रश्न में पूछी गई अवधि में प्रदेश के पन्ना जिले में सात और सतना जिले में तीन बाघों की मृत्यु के मामले संज्ञान में आए हैं। इनमें सतना वनमंडल में एक बाघ की मौत अस्वाभाविक रूप से शिकार से हुई है। इसमें तीन आरोपियों को गिरफ्तार कर न्यायालयीन कार्यवाई की गई है।

जबलपुर हाईकोर्ट में लगी एक जनहित याचिका में चीफ जस्टिस रवि मलिमठ और जस्टिस विशाल धगट की खंडपीठ में नवंबर में अधिवक्ता आदित्य संघी ने कोर्ट को बताया था कि पिछले एक साल मे मध्यप्रदेश में कुल 36 घाद्यों की मौत हुई इनमें से 33 नर और तीन मादा शामिल है। उन्होंने बताया था कि पन्ना में दो रेडियो कॉलर्ड यंग बाघों की मौत भी हुई है। पन्ना में इसी दौरान एक बाघ की करंट लगने से भी मौत हुई है। इस पर हाई कोर्ट ने केन्द्र और राज्य सरकार के वन एवं पर्यावरण विभाग तथा नेशनल टाईगर कंसर्वेटर अथॉरिटी को नोटिस देकर जवाब भी मांगा था।

वहीं विधायक डॉ सतीश सिकरवार ने वन मंत्री से पूछा कि पूरे प्रदेश में मध्यप्रदेश में जनवरी 2020 से लेकर नवंबर 2021 के बीच कितने बाघों की मौत हुई है। इस पर वन मंत्री ने जानकारी दी है कि इस अवधि में प्रदेश में तीन बाघों की मौत हुई है। वन मंत्री ने बताया कि रातापानी अभ्यारण्य में दो मई 2021 को ट्रेन दुर्घटना में बीट चौका के पास एक बाघ की मौत हुई और बीट जमुनिया में 3 अगस्त 2021 को बीमारी से एक बाघ मारा गया। वहीं सिंघौरी अभ्यारण्य की बीट पाटनी में तेरह मार्च 2021 को एक बाघ की प्राकृतिक मृत्यु हो गई। सिकरवार के सवाल के जवाब में मंत्री ने कहा कि यह सही नही है कि बाघों की मृत्यु की जानकारी वन अधिकारियों को विलंब से मिलती है।