सोलर प्लांट से ओएचइ लाइन को सीधे फीड , रेलवे ने की एक करोड़ रुपए की बचत

सागर

सोलर पॉवर प्लांट से बनने वाली सौर ऊर्जा ओएचइ लाइन को सीधे फीड की जा रही है। रेलवे में सौर ऊर्जा के लिए तेजी से व बड़े स्तर पर काम चल रहा है, जिसके चलते खाली पड़ी रेलवे की जमीन पर सौर ऊर्जा परियोजना स्थापना की योजना बनाई गई थी, जिसमें रेलवे ने एक साल में एक करोड़ रुपए से ज्यादा की बचत की है। फूलबाग स्टेडियम में रेलवे की खाली जमीन पर बीएचइएल के तकनीकी सहयोग से 1.7 मेगावॉट क्षमता का सोलर पॉवर प्लांट स्थापित किया गया है। इस सोलर प्लांट के द्वारा डीसी वोल्टेज उत्पन्न करके इंवर्टर व ट्रांसफॉर्मर की सहायता से 25000 वोल्ट सिंगल फेस एसी में बदलकर 1.84 एमयू (मिलियन यूनिट) वार्षिक विद्युत ऊर्जा का उत्पादन किया जा रहा है, जिससे रेलवे को लगभग 1.04 करोड़ की हर साल बचत हो रही है। यह सोलर प्लांट रेलवे का पहला सोलर प्लांट है, जिससे बनने वाली सौर ऊर्जा ओएचई लाइन को सीधे फीड की जा रही है। इस सोलर प्लांट के द्वारा हर साल 2160 टन कार्बन डाइऑक्साइड उत्सर्जन की कमी होगी, जो कि एक लाख पेड़ लगाने के बराबर है।

सोलर प्लांट का तकनीकी विशेषताएं
– 1.7 मेगावॉट सोलर पॉटर प्लांट की क्षमता में 5800 सोलर मॉड्यूल
– 1015 पाइल फाउंडेशन का उपयोग करके मॉड्यूल माउंटिंग स्टक्टर के 145 सेट पर माउंट किया गया
– 400 वोल्ट एल्टरनेटिव करेंट (एसी) को स्टेपप कर 25 किवी एसी में दो ट्रैक्शन ट्रांसफॉर्मर के द्वारा किया जा रहा फीड
– अंडर ग्राउंड ट्रांसमिशन केबल के द्वारा 25 किवी एसी ट्रैक्शन सप सेशन और ओएचइ में सप्लाई करती है।

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