सीधे किसानों के खाते में अंतरित करें अनुदान राशि, जैविक उद्यानिकी खेती करने वाले किसानों के बनायें ग्रुप

भोपाल
उद्यानिकी एवं खाद्य प्र-संस्करण (स्वतंत्र प्रभार) राज्य मंत्री भारत सिंह कुशवाह ने कहा है कि शेडनेट हाउस और पॉली-हाउस बनाने वाले किसानों के खातों में अनुदान राशि डायरेक्ट ट्रांसफर की जाये। किसान निर्धारित स्पेशिफिकेशन की सामग्री को वेण्डर से खरीदने के लिये स्वतंत्र रहेगा। राज्य मंत्री कुशवाह मंगलवार को मंत्रालय में विभागीय समीक्षा कर रहे थे। एसीएस उद्यानिकी एवं खाद्य प्र-संस्करण जे.एन. कंसोटिया, उद्यानिकी आयुक्त ई. रमेश कुमार और एमडी एम.पी. एग्रो राजीव कुमार जैन बैठक में मौजूद थे।

राज्य मंत्री कुशवाह ने कहा कि चालू वित्तीय वर्ष में संरक्षित खेती, शेडनेट हाउस और पॉली-हाउस योजना में 98 हजार वर्ग मीटर में 31 किसानों द्वारा शेडनेट हाउस और पॉली-हाउस बनाने का प्रस्ताव दिया गया है।

राज्य मंत्री कुशवाह ने कहा कि ग्वालियर में फूलों की हाईटेक नर्सरी (फ्लोरीकल्चर गार्डन) की स्थापना के लिये इस क्षेत्र में अनुभव रखने वाली विशेषज्ञ फर्म का चयन कर उससे डीपीआर बनवाई जाये। उन्होंने कहा कि फ्लोरीकल्चर गार्डन अपने प्रकार का प्रदेश का पहला हाईटेक नर्सरी गार्डन होगा। राज्य मंत्री कुशवाह ने कहा कि पीएमएफएमई योजना फार्म लाइजेशन आरके माइक्रो फूड प्रोसेसिंग एंटरप्राइजेस में ऑनलाइन आवेदनों की स्थिति में पिछले हफ्ते की तुलना में इस हफ्ते सुधार हुआ है। बैंकों द्वारा प्रकरणों में स्वीकृतियाँ भी जारी की गई हैं। उन्होंने कहा कि कुल प्रस्तुत 1327 आवेदनों में से बैंक द्वारा 175 में स्वीकृति दी गई है और 522 प्रकरणों में स्वीकृति की प्रक्रिया प्रचलित है। राज्य मंत्री कुशवाह ने विभागीय अधिकारियों को बैंकों से समन्वय कर सभी प्रकरणों में स्वीकृतियाँ दिलाने की बात कही। उन्होंने योजना में जिलेवार प्रगति की समीक्षा भी की।

राज्य मंत्री कुशवाह ने कहा कि जैविक उद्यानिकी खेती करने वाले किसानों की जिलेवार सूची बनाकर किसानों के समूह बनायें। उन्होंने कहा कि उद्यानिकी फसलों की खेती करने वाले किसानों को जैविक पद्धति से खेती करने के लिये प्रोत्साहित किया जाये। राज्य मंत्री कुशवाह ने कहा कि उद्यानिकी फसलों को बढ़ावा देने के लिये एक जिले में कम से कम एक फसल प्रोडक्ट ऐसा तैयार करें, जिसे देश के विभिन्न हिस्सों और विदेशों में निर्यात किया जा सके। बैठक में विभाग की विभिन्न योजनाओं की समीक्षा की गई।