मध्यप्रदेश के आनंद विभाग की गतिविधियों की गूँज अन्य राज्यों तक पहुँची

भोपाल
भौतिक सुख-सुविधाओं की तलाश में तनाव और अशांति की स्थितियाँ उत्पन्न होती हैं। मनुष्य के भीतर की शांति और आनंद का अपना महत्व है। कहते हैं शांत व्यक्ति और आनंद के भाव में रहने वाला व्यक्ति एक सुखी और समृद्ध समाज के निर्माण में महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है। मध्यप्रदेश में इस उद्देश्य से आनंद विभाग और राज्य आनंद संस्थान की स्थापना की गई है। इसके अंतर्गत करीब 60 हजार नागरिक स्वैच्छिक रूप से आनंदक के रूप में पंजीकृत हुए हैं। प्रदेश में 170 आनंदम केन्द्र कार्य कर रहे हैं, जो “जॉय ऑफ गिविंग” (किसी को सहयोग करने का सुख) के भाव को प्रोत्साहित करते हैं। इसमें निर्धारित सार्वजनिक स्थानों पर लोगों ने अपने निजी संग्रह में आवश्यकता से अधिक प्रतीत होने वाले घरेलू सामान को छोड़ने के उदाहरण प्रस्तुत किए हैं। यह सामान जिस व्यक्ति को आवश्यकता होती है वह ले जाता है। मध्यप्रदेश की इन गतिविधियों को राष्ट्रीय स्तर पर सराहना मिल रही है।

अल्पविराम एक मंत्र है हैप्पीनेस का
राज्य के विकास में नागरिकों की विचार एवं भाव शुद्धि का महत्वपूर्ण योगदान है। नागरिकों का जीवन भौतिक दृष्टि से समृद्ध होने के साथ ही आनंदमयी हो, इसके लिए अनेक गतिविधियाँ संचालित की जा रही हैं। प्रदेश में आनंद विभाग के अल्पविराम कार्यक्रम से सवा लाख नागरिकों को प्रत्यक्ष रूप से लाभान्वित किया गया है। यह एक हैप्पीनेस मंत्र है। प्रदेश में विभिन्न केन्द्रों में 2300 कार्यक्रमों के माध्यम से परिपूर्ण और आनंदमयी जीवन के महत्व से प्रतिभागियों को अवगत करवाया गया है।

मुख्यमंत्री के प्रेजेंटेशन ने खींचा अन्य राज्यों का ध्यान
मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने गत सप्ताह वाराणसी में प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी द्वारा आहूत मुख्यमंत्रियों के कॉन्क्लेव में मध्यप्रदेश में किए गए नवाचारों और योजनाओं के क्रियान्वयन के प्रेजेंटेशन के अवसर पर पाँच वर्ष पहले प्रारंभ किए गए आनंद विभाग की रचनात्मक गतिविधियों और आम लोगों को अवसाद से दूर कर प्रसन्न रखने के प्रयासों की भी जानकारी दी। अन्य राज्यों के मुख्यमंत्रियों ने मध्यप्रदेश में प्रसन्नता का वातावरण बढ़ाने के लिए संचालित गतिविधियों के प्रति जिज्ञासा व्यक्त की। प्रधानमंत्री मोदी ने भी मुख्यमंत्री चौहान द्वारा दिए गए प्रेजेंटेशन को ध्यान से सुना। उल्लेखनीय है कि मध्यप्रदेश आनंद विभाग गठित करने वाले राज्यों में अग्रणी है।

आनंद विभाग की गतिविधियाँ बना रही खुशनुमा माहौल

मध्यप्रदेश में आनंद विभाग और राज्य आनंद संस्थान की गतिविधियों में सबसे महत्वपूर्ण है – "अल्प विराम कार्यक्रम"। यह कार्यक्रम व्यक्ति को आंतरिक कमियों को समझने और सुधारने का अवसर देता है। अन्य गतिविधियों में रक्तदान, भोजन एवं सामग्री दान, आपदा में सहयोग, शिक्षा,, पर्यावरण, स्वच्छता, बालिकाओं को आत्म-रक्षा प्रशिक्षण और निराश्रितों की मदद का कार्य शामिल हैं। करीब 400 आनंद क्लबों के साढ़े तीन हजार सदस्य इन गतिविधियों के संचालन में सहयोगी बनते हैं। इसके अलावा आनंद सभा, आनंदम केंद्र, आनंद उत्सव भी प्रसन्नता का वातावरण बढ़ा रहे हैं। एक आनंद कैलेंडर भी तैयार किया गया है। इस कैलेंडर के अनुसार वेबसाइट और मोबाइल एप प्ले-स्टोर पर उपलब्ध कराया गया है। राज्य आनंद संस्थान ने आनंद शिविरों के लिए आर्ट ऑफ लिविंग बैंगलुरू, इनीशिएटिव ऑफ चेंज पंचगनी और ईशा फाउंडेशन कोयंबटूर से करारनामा कर इच्छुक लोगों को लाभान्वित किया है। शहरी और ग्रामीण क्षेत्रों में निरंतर आनंद उत्सव हो रहे हैं। छह सप्ताह के ऑनलाइन आनंद कोर्स की शुरूआत भी की गई है।