भोपाल
प्रदेश में बिजली कम्पनी में काम कर रहे आउटसोर्स कर्मचारियों को वेतन, बोनस और उनका ईपीएफ भुगतान कराने को लेकर ऊर्जा मंत्री द्वारा दिए जाने वाले निर्देश बेअसर साबित हो रहे हैं। प्रमुख सचिव और मध्य क्षेत्र विद्युत वितरण कम्पनी के एमडी भी इस स्थिति में सुधार नहीं कर पा रहे हैं जिसके चलते छह से दस हजार रुपए तक के वेतन पर काम करने को मजूबर 1500 से अधिक आउटसोर्स कर्मचारियों को दो माह से वेतन नहीं मिल सका है। परेशान बिजली कर्मचारियों ने अगले तीन दिन में वेतन नहीं मिलने पर ऊर्जा मंत्री के बंगले के घेराव और काम बंद करने की चेतावनी दी है।
बिजली कम्पनियों में कार्यरत आउटसोर्स कर्मचारियों के वेतन की गणना हर माह 21 तारीख से होती है और अगले माह 20 तारीख तक काम करने के बाद एक माह का वेतन दिया जाता है। मध्य क्षेत्र विद्युत वितरण कम्पनी क्षेत्र में अप्रेल से शुरू हुई कर्मचारियों को समय पर वेतन न मिल पाने की शिकायत मंत्री और प्रमुख सचिव स्तर पर बैठक के बाद भी दुरुस्त नहीं हो पा रही है। भोपाल में ही शहरी व ग्रामीण सर्किल के आउटसोर्स कर्मचारियों को अक्टूबर का वेतन अब तक नहीं मिला है। इसके साथ ही उनके नवम्बर के वेतन की अवधि भी दो दिन बाद पूरी होने वाली है। ऐसे में वेतन से वंचित कर्मचारियों को दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है।
वेतन नहीं दिए जाने से परेशान आउट सोर्स कम्पनी के कर्मचारी गुरुवार को राजधानी के गोविन्दपुरा स्थित बिजली कम्पनी के दफ्तर पहुंचे थे। यहां एमडी ने दो दिन में वेतन दिलाने का आश्वासन दिया है और साथ ही 15 दिन में आउटसोर्स ठेका लेने वाली कम्पनी द्वारा बकाया ईपीएफ, बोनस राशि का भुगतान नहीं करने पर उसे ब्लैक लिस्ट करने की बात कही है। इसके बाद भी अभी कर्मचारियों को वेतन नहीं मिल सका है।