आंगनबाड़ियां गोद लेने में जनप्रतिनिधियों से आगे किसान और अफसर

भोपाल
मुख्यमंंत्री शिवराज सिंह चौहान ने सांसदों,विधायकों, जनप्रतिनिधियों और आम नागरिकों, स्वयंसेवी संस्थाओं से आंगनबाड़ियों को गोद लेने के लिए कहा है। अब तक 45 हजार 787 आंगनबाड़ियां गोद लेने लोग आगे आए है। आंगनबाड़ी गोद लेने के मामले में किसानों, सरकारी अधिकारियों-कर्मचारियों और आम नागरिकों ने जनप्रतिनिधियों को पीछे छोड़ दिया है।

 महिला एवं बाल विकास विभाग इन दिनों आओ एक आंगनबाड़ी गोद ले अभियान चला रहा है।  प्रदेश में कुल 97 हजार 135 आंगनबाड़ी है। इनमें मिनी केन्द्र और बड़े केन्द्र शामिल है।  अब तक 45 हजार787 आंगनबाड़ियां गोद ली गई है। लेकिन आंगनबाड़ियों को गोद लेने और वहां आ रहे बच्चों के पोषण में रुचि लेने में जनप्रतिनिधि किसानों, शासकीय कर्मचारियों और आमजन से पीछे रह गए है।

जनप्रतिनिधियों ने केवल 7587 आंगनबाड़ी गोद ली
जनप्रतिनिधियों ने केवल 7 हजार 587 आंगनबाड़ी गोद ली है। वहीं शासकीय अधिकारियों और कर्मचारियों ने 14 हजार 844 आंगनबाड़ी गोद ली है। किसान, जनसामान्य और अन्य सहयोगकर्ता 15 हजार 637 आंगनबाड़ी गोद लेने आगे आए है। अशासकीय सेवा करने वाले और व्यवसायियों ने 5 हजार 241 आंगनबाड़ी गोद ली है। सामुदायिक संगठन , गैर शासकीय संस्था और एनजीओ ने कुल 2 हजार 478 आंगनबाड़ियों को गोद लेने के लिए आवेदन दिया है।  

विदिशा, शिवपुरी, दमोह सबसे पीछे
आंगनबाड़ियों को गोद लेने के मामले में पांच जिले सबसे पीछे है। दमोह में 1742 आंगनबाड़ियों में से 190 आंगनबाड़ी याने 10.91 फीसदी आंगनबाड़ी ही गोद ली गई है। भिंड जिले में कुल 2451 आंगनबाड़ी है उनमें से केवल 269, शिवपुरी में 2408 आंगनबाड़ी है जिनमें से केवल 287, अनूपपुर में 1149 आंगनबाड़ियों में से केवल 141 और विदिशा में 2371 में से 293 आंगनबाड़ी गोद ली गई है।

छोटे जिले आगर में बेहतर काम
प्रदेश के नये और छोटे जिले आगर में सबसे बेहतर काम हुआ है। यहां 753 आंगनबाड़ियों में से 744 याने 98.81 फीसदी आंगनबाड़ियां गोद ली गई है। सिवनी में 2 हजार13 में से 2 हजार 32 आंगनबाड़ी गोद ली गई है। सिंगरौली में 1550 में से 1410 आंगनबाड़ी गोद ली गई है।  बुरहानपुर में 89 फीसदी और सीधी में 85 फीसदी आंगनबाड़ी गोद ली गई है।