रेरा में कोरोना का खौफ, बाहरी लोगों के प्रवेश पर प्रतिबंध

भोपाल
राज्य सरकार ने भले ही कोरोना संक्रमण कम मानते हुए नौनिहालों के लिए स्कूल खोल दिया है, शादी-ब्याह में शामिल होने वालों की लिमिट खत्म कर दी हो लेकिन भू-संपदा विनियामक प्राधिकरण (रेरा) अभी भी कोरोना के खौफ से बाहर नहीं आ पाया है।

यहां रेरा में कार्यरत स्टाफ के अलावा अन्य बाहरी व्यक्तियों के प्रवेश पर प्रतिबंध लगा दिया गया है। बाहरी लोग किसी भी हाल में अंदर प्रवेश नहीं कर पाए इसके लिए तीन सुरक्षागार्ड तैनात कर दिए गए है। जो बाहरी लोगों को अंदर प्रवेश करने से रोकते है। रेरा में बाहरी लोगों के प्रवेश पर प्रतिबंध का यह फरमान  दस जनवरी से लागू किया गया था जो फरवरी में अभी भी जारी है। कोविड के बढ़ते संक्रमण को देखते हुए यह निर्णय लिया गया था। जितनी भी सुनवाई यहां होना है वह वीडियो कांफ्रेंसिंग के जरिए ही की जा रही है।

रेरा के सचिव नीरज दुबे का एक आदेश बाकायदा मुख्य प्रवेश द्वार पर चस्पा किया गया है। जिसमें इस प्रतिबंध की जानकारी दी गई है। रेरा सचिव नीरज दुबे का कहना है कि रेरा में अधिकांश सदस्य, अधिकारी-कर्मचारी सीनियर सिटीजन है। अभी तीन लोग कोरोना संक्रमित चल रहे है। इसके पहले भी काफी स्टाफ कोरोना संक्रमित हो चुका है। इसलिए सुरक्षा के लिहाज से बाहरी व्यक्तियों का रेरा में भीतर प्रवेश प्रतिबंधित किया गया है।

शिकायतें आनलाइन
 रेरा सचिव का कहना है कि कॉलोनाइजर, बिल्डर के खिलाफ शिकायत आॅनलाईन ही की जाती है। इसलिए उनके लिए यहां आने की जरुरत नहीं है। सुनवाई वीडियो कांफ्रेसिंग के जरिए की जा रही है। यदि किसी को कोई शिकायत करना हो तो वह फोन के जरिए शिकायत कर सकता है। शिकायत को नोट कर उस पर हुई कार्यवाही के बारे में भी फोन पर जानकारी दी जाती है।

शिकायतों पर कार्यवाही की रफ्तार पढ़ी धीमी-
कोरोना की वजह से सारा कॉम आॅनलाईन चल रहा है। बाहरी लोगों के प्रवेश पर प्रतिबंध है। सुनवाई वीसी के जरिए हो रही है इसलिए यहां आने वाली शिकायतों पर कार्यवाही की रफ्तार भी ध्ीामी हो गई है। सीनियर सिटीजन्स अधिकारियों को अपनी सेहत की ज्यादा चिंता है। बाहरी लोगोंं के प्रवेश पर प्रतिबंध भी इसीलिए लगाना पड़ा है ताकि कोरोना संक्रमण के दौर में यहां भीड़ को सीमित किया जा सके।