भोपाल। प्रदेश में फिर से कोरोना वायरस के तीसरे वेरीएंट की दस्तक हो गई है। लगातार इसके मरीज सामने आ रहे हैं। इस मामले कोे लेकर पूर्व मुख्यमंत्री एवं प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष कमलनाथ ने सरकार को नसीहत देते हुए कड़े कदम उठाने की बात कही है। पूर्व मुख्यमंत्री कमलनाथ ने कहा है कि मध्यप्रदेश में मुख्यमंत्री ने जब 17 नवंबर को कोरोना को लेकर लागू तमाम प्रतिबंधों को हटाने का निर्णय लिया था, स्कूलों को खोलने का निर्णय लिया था, आयोजनों को छूट प्रदान करने का निर्णय लिया था, तभी मैंने विरोध किया था और कहा था कि सरकार को एकदम से तमाम प्रतिबंध हटाने की बजाए धीरे-धीरे चरणबद्ध तरीके से प्रतिबंधों को शिथिल करते हुए छूट प्रदान करनी चाहिए, क्योंकि अभी खतरा टला नहीं है। तीसरी लहर और नए वेरिएंट की आशंका और खतरा अभी भी सर पर है। 18 वर्ष से कम आयु के बच्चों को अभी तक वैक्सीन नहीं लगी है, कई पात्र लोगों का अभी तक वैक्सीनेशन होना बाकी है। पूर्व मुख्यमंत्री कमलनाथ ने कहा कि मैंने सवाल भी उठाए थे कि क्या सरकार ने इस निर्णय को लेने के पूर्व कोरोना गाइडलाइन के पालन की संपूर्ण व्यवस्था कर ली है? ऐसा लग रहा था कि सरकार ने यह निर्णय लेकर जनता को भगवान भरोसे छोड़ दिया है और सरकार अपनी जिम्मेदारी से भाग रही है। मैंने यह भी कहा था कि सरकार के इस निर्णय के बाद यदि संक्रमण बढ़ता है, जनहानि होती है तो क्या सरकार उसकी जिम्मेदारी लेगी? उन्होंने कहा कि जिस तरह से कोरोना के नए वेरिएंट के मामले सामने आ रहे हैं, तीसरी लहर की आशंका व्यक्त की जा रही है, कोरना के नए केस वापस सामने आना शुरू हो गए हैं, सरकार को तत्काल सभी आवश्यक कड़े कदम उठाना चाहिए। स्वास्थ्य सेवाओं की समीक्षा की जानी चाहिए। सभी आवश्यक इंतजाम किए जाना चाहिए, ताकि लोगों को कोरोना वायरस से बचाया जा सके।