फूड प्रोसेसिंग से रोजगार देगी सरकार, बढ़ेंगे स्टार्टअप: CM शिवराज

भोपाल
मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने कहा है कि प्रदेश में प्रधानमंत्री सूक्ष्म खाद्य उद्योग उन्नयन योजना के माध्यम से खोले जाने वाले तीन नए इन्क्यूबेशन सेंटर किसानों की आर्थिक प्रगति का मार्ग प्रशस्त करेंगे। इन सेंटर्स के खोलने के बाद प्रदेश में किसानों द्वारा उत्पादित फलों, सब्जियों और अन्य उत्पादों की फूड प्रोसेसिंग को बढ़ावा मिलेगा। वैसे भी स्थिति यह है कि प्रदेश की 66 प्रतिशत आबादी अभी बगैर रजिस्टेÑशन के किसी न किसी रूप में फूड प्रोसेसिंग से जुड़ी है। मुख्यमंत्री ने कहा कि हम कृषि में विविधीकरण पर फोकस कर रहे हैं ताकि हमें गेहूं और धान के भंडारण में आने वाली दिक्कतों को थामने में आसानी हो। अभी स्थिति यह है कि रबी उपार्जन के लिए गेहूं खरीदने के बाद हमारे पास भंडारण के लिए जगह नहीं है, इसके लिए कैप के अलावा फिलहाल कोई विकल्प नहीं दिखाई देता है।

सीएम चौहान ने मुरैना, ग्वालियर और सीहोर जिले के कृषि महाविद्यालयों में खोले जाने वाले इन्क्यूबेशन सेंटर्स के शिलान्यास समारोह में कहा कि इस क्षेत्र में नए स्टार्टअप्स को भी बढ़ावा दिया जाएगा। ये सेंटर किसानों की आर्थिक उन्नति के लिए मील का पत्थर साबित होंगे। उन्होंने प्रदेश में टमाटर के उत्पादन और पिछले दिनों किसानों को हुए फायदे का जिक्र करते हुए कहा कि किसानो को फायदा हो तो कुछ लोगों को दिक्कत होने लगती है। सीएम चौहान ने कहा कि मध्यप्रदेश ऐसा राज्य है, जो कृषि में नित नए प्रयोग कर राष्ट्र की उन्नति में योगदान दे रहा है। कृषि और किसानों के कल्याण के लिए हम भी निरंतर प्रयास कर रहे हैं। हमारे किसानों ने अपने घनघोर परिश्रम से प्रदेश के अन्न के भंडार भर दिए हैं। कृषि और किसानों के कल्याण के लिए हम भी निरंतर प्रयास कर रहे हैं। मध्यप्रदेश ने लगातार कई साल तक कृषि कर्मण अवार्ड जीता है। खाद्यान्न की खरीदी से भंडार भरे हुए हैं। अब तो स्थिति यह है कि गेहूं खरीदेंगे तो रखेंगे कहा? इसके लिए कोशिश की जा रही है।

बैंकों से चर्चा कर बनाए हैं आत्मनिर्भर पैकेज
 वीडियो कांफ्रेंसिंग के जरिये हुए इस शिलान्यास कार्यक्रम में केंद्रीय कृषि मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर ने कहा कि पीएम नरेंद्र मोदी ने छोटे-छोटे उद्योगों के जरिये किसानों की आर्थिक उन्नति के लिए इन्क्यूबेशन सेंटर खोलने और उनके लिए पैकेज देने का निर्णय लिया है। इसके लिए बैंकों से चर्चा करके ही आत्मनिर्भर भारत के पैकेज तैयार किए गए हैं ताकि किसानों को प्रोसेसिंग के लिए यूनिट लगाने की जरूरत हो तो लोन मिलने में दिक्कत न हो। तोमर ने कहा कि किसान खेती भी करें और फूड प्रोसेसिंग भी करें तो उन्हें लाभ मिलेगा। किसान के जीवन में बदलाव आएगा। गांव में रोजगार के अवसर मिलेंगे और खेती भी होती रहेगी। इस कार्यक्रम में उद्यानिकी मंत्री भारत सिंह कुशवाह ने बताया कि योजना में दस लाख रुपए तक सब्सिडी की व्यवस्था है जिसमें चालीस प्रतिशत राज्य सरकार देगी। राज्य सरकार अपने स्तर पर अलग सुविधाएं देगी। कार्यक्रम में कृषि मंत्री कमल पटेल भी शामिल हुए।

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