
भोपाल
शिवराज कैबिनेट ने पंचायत चुनाव कराने के लिए लाए गए अध्यादेश को वापस करने का फैसला किया है। इस अध्यादेश को निरस्त करने के लिए राज्यपाल के पास मंजूरी के लिए भेजा जाएगा। सरकार के इस फैसले के बाद प्रदेश में हो रहे त्रिस्तरीय पंचायत चुनाव पर ब्रेक लग सकता है। हालांकि अभी सरकार इस मामले में सिर्फ यह कह रही है कि सरकार ने जनहित में अध्यादेश वापस लिया है।
छुट्टी के दिन रविवार को सीएम शिवराज सिंह चौहान ने कैबिनेट बैठक बुलाई थी। इस बैठक के बाद निर्णय की जानकारी गृहमंत्री डॉ. नरोत्तम मिश्रा और पंचायत व ग्रामीण विकास मंत्री महेंद्र सिंह सिसोदिया ने दी। मंत्री मिश्रा और सिसोदिया ने बताया कि पंचायत राज एवं ग्राम स्वराज अधिनियम 1993 की धारा 9 क के अंतर्गत लाए गए अध्यादेश को आज हुई कैबिनेट बैठक में वापस लेने का फैसला लिया गया है। इस अध्यादेश को विधेयक के रूप में विधानसभा की कार्यसूची में शामिल किया गया था पर अपरिहार्य कारणों से यह विधेयक नहीं ला सके थे। अब अध्यादेश निरस्त करने का फैसला करने के बाद राज्य निर्वाचन आयोग इस मामले में आगे की कार्यवाही करेगा।
मुख्यमंत्री श्री @ChouhanShivraj की अध्यक्षता में मंत्रालय में आयोजित कैबिनेट की बैठक राष्ट्रीय गीत वंदे मातरम् के गायन के साथ प्रारंभ हुई। pic.twitter.com/Ch6iZZgRvQ
— Office of Shivraj (@OfficeofSSC) December 26, 2021
इस अध्यादेश को निरस्त करने के लिए राज्यपाल के पास मंजूरी के लिए भेजा जाएगा। सरकार के इस फैसले के बाद प्रदेश में हो रहे त्रिस्तरीय पंचायत चुनाव पर ब्रेक लग सकता है। राज्यपाल के हस्ताक्षर के बाद इस मामले पर राज्य निर्वाचन आयोग को फैसला लेना है, लेकिन जानकारों की मानें तो जिस अध्यादेश पर राज्य निर्वाचन आयोग चुनाव करा रहा था यदि वही वापस हो जाता है तो फिर चुनाव की स्थिति नहीं बनती है।
मंत्री नरोत्तम मिश्रा ने कहा कि पंचायत चुनाव को लेकर लाए गए अध्यादेश के बाद कांग्रेस के प्रवक्ता और नेताओं ने पहले हाईकोर्ट और फिर सुप्रीम कोर्ट में केस दायर क इसे रोकने की कोशिश की। साथ ही षड़यंत्र कर महाराष्ट्र के गवली केस से लिंक करा दिया जिसके कारण ओबीसी को दिए जा रहे आरक्षण पर सुप्रीम कोर्ट ने रोक लगा दी और इससे विषम परिस्थिति बन गई। प्रदेश की करोड़ों की जनता की भावनाओं को ध्यान में रखते हुए सरकार पुनर्विचार के लिए सुप्रीम कोर्ट गई है और विधानसभा में ओबीसी वर्ग के आरक्षण बगैर पंचायत चुनाव न हो, इसका अशासकीय संकल्प भी पारित किया गया है।
प्रदेश में डायल 100 का संचालन अगले छह वर्षोें तक बढ़ाए जाने को शिवराज कैबिनेट ने मंजूरी दे दी है। इसके साथ ही सड़कों के टोल वसूली और लाइसेंस से जमा होने वाली राशि को एक ही बैंक या अधिसूचित संस्था में जमा कराए जाने पर भी कैबिनेट में सहमति बनी है। शिवराज सरकार ने भोपाल में इंटरनेशनल स्पोर्ट्स काम्प्लेक्स के निर्माण को भी मंजूरी दी है।
बैठक में खेलो इंडिया यूथ गेम्स पर चर्चा की। भोपाल जिले में 2022-23 में खेलो इंडिया यूथ गेम्स का आयोजन किया जा रहा है। इसके चलते बरखेड़ा नाथू में अंतर्राष्ट्रीय स्पोर्ट्स काम्प्लेक्स का निर्माण कराया जाएगा। इसको लेकर 215 करोड़ की लागत से काम्प्लेक्स बनाने को मंजूरी दी। मंत्रालय में हुई बैठक में डायल 100 के दूसरे चरण 2021-2027 तक के लिए 1084 करोड़ रुपए के प्रस्ताव को मंजूरी दी गई। आईटी विभाग के सहयोग से तैयार प्रस्ताव में गाड़ियां किराए पर ली जा रही हैं जिसकी संख्या 2000 तक करने की तैयारी है।