दो साल से शोपीस बना आरएफआईडी सिस्टम, विधायक पाठक ने कराई थी बंद

जेएएच में अवैध वसूली जारी, बार-बार देना पड़ रहा हैं शुल्क

ग्वालियर। जेएएच के अस्पतालों में पार्किंग की व्यवस्था के मेट्रोसिटी की तर्ज पर किए जाने व मरीजों की समस्या को कम करने के प्रबंधन ने रेडियो फिक्वेंसी आइडेंटीफिकेशन सिस्टम (आरएफआईडी) हाई टेक पार्किंग व्यवस्था लागू करने की प्लांनिंग पूर्व अधीक्षक डॉक्टर अशोक मिश्रा के समय बनाई गई। प्रबंधन ने इसको लेकर नया टेंडर भी जारी कर दिया, जिस कंपनी का ठेका निकला उसने प्रबंधन की शर्त के अनुसार अस्पताल परिसर में इस व्यवस्था को लेकर तैयारी शुरू कर दी है।
अस्पतालों के गेट पर इसको लेकर बैरिकेट्स भी लगाए और जैसे-तैसे यह सिस्टम चालू हो पाया, लेकिन पिछले करीब दो सालों से यह सिस्टम शोपीस बनकर रहा गया है। प्रबंधन इस सिस्टम का चालू नहीं करा पा रहा है, जबकि दूसरी ओर ठेकेदार के लोग प्रबंधन की लेटलतीफी का जमकर फायदा उठा रहे हैं और अस्पताल में उपचार के लिए आने वाले मरीजों व उनके परिजनों से सरेआम लूट मच रही हैं उनसे मनमाने पैसे ठेकेदार के लेागों द्वारा दोगुने पैसे वूसले जा रहे हैं और मजबूरी में अस्पताल में आने वाले लोगों को यह शुल्क अदा करना पड़ रहा है। अस्पताल प्रबंधन के आला अधिकारी भी सब कुछ जानकर कुछ नहीं कर पा रहे हैं।
एक ही बार लगते पैसे-
आरएफआईडी सिस्टम के तहत वाहन पार्किंग ठेकेदार द्वारा जेएएच के अस्पतालों के बनाए गए चारों गेट पर सिस्टम तैयार किया गया। अगर यह सिस्टम ठीक से चलता तो वाहन मालिक को केवल एक बार ही अस्पताल से बाहर जाते समय पैसे देने होते, लेकिन इस समय वाहन मालिक को अलग-अलग जगह बार-बार वाहन शुल्क देना पड़ रहा है। जैसे की ओपीडी में आने पर ओपीडी में इसके बाद जांच लैब में जाने पर दोबारा पैसे देने पड़ रहे हैं।
वाहन चोरी की घटनाओं पर नहीं लग पाया लगाम-
जेएएच में वाइन पार्किंग व्यवस्था पुराने ढर्रे पर चलने से पार्किंग व्यवस्था तो बेहतर नहीं हो पाई, बल्कि अस्पताल में वाहन चोरी और अधिक सक्रिय हो गए। इसका नतीजा यह हो गया कि अस्पताल में वाहन चोरी की घटनाएं बढ़ गई हैं। जबकि जेएएच परिसर में एक पुलिस चौकी भी बनी हुई इसके बाद भी लगातार वाहन चोरी की घटनाएं हो रही हैं। इसी की वजह से अब नौबत यहां तक आ गई हैं कि अब जेएएच में पुलिस द्वारा जगह-जगह इस प्रकार के पोस्टर लगा दिए गए हैं कि अपने वाहन को चोरी से बचने के लिए उसमें जंजीर लगाएं। इसके साथ ही वाहन चोरों को पकड़वाने वालों को एक हजार रुपए का इनाम तक दिए जाने की घोषणा की गई है।
एक सप्ताह की हुई थी ट्रायल
दरअसल अस्पताल प्रबंधन ने दिसंबर 2019 में सात दिनों की ट्रायल के बाद इस सिस्टम को चालू करा दिया था, लेकिन काग्रेस विधायक प्रवीण पाठक जेएएच के अस्पताल का निरीक्षण करने पहुंचे और उन्होंने इस सिस्टम को जनता के साथ लूट बताते हुए इस पार्किंग सिस्टम के तुरंत बंद कर दिया तब से लेकर अब लगभग दो सात बीत चुके हैं, लेकिन यह सिस्टम बंद पड़ा हुआ हैं।