भोपाल
जिले में अनुपयोगी सम्पत्ति का निपटारा करने क्या किया और खराब सड़कों को सुधारने क्या कदम उठा रहे है। यह जानने मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान बीस जनवरी को प्रदेशभर के कलेक्टर-कमिश्नरों से बात करेंगे।
मंत्रालय से वीडियो कांफ्रेसिंग के जरिए मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान प्रदेश भर के सभी कलेक्टर-कमिश्नर और महानिरीक्षक, पुलिस अधीक्षकों से चर्चा करेंगे। जिले में कानून व्यवस्था चुस्त-दुरुस्त करने क्या कार्यवाही की जा रही है इसको लेकर मुख्यमंत्री आईजी, एसपी से चर्चा करेंगे।महिला अपराधों पर नियंत्रण के लिए सख्त से सख्त कदम उठाने के लिए वे अफसरों को निर्देशित करेंगे।
नगरीय क्षेत्रों में स्वच्छता अभियान को लेकर की जा रही कार्यवाही पर भी वे बात करेंगे। शहरों में कचरे के ढेर दिखाई ना दे,सड़के और नालियां साफ हो इसको लेकर आने वाली शिकायतों में कमी आए इसपर जुटकर काम करने के लिए भी वे कलेक्टरों को कहेंगे। नगरीय क्षेत्रों में मल-जल निकासी सीवेज ट्रीटमेंट की समीक्षा भी वे करेंगे। जल जीवन मिशन के जरिए जिले में कितना लक्ष्य है और कितने घरों में नल कनेक्शन दे दिए गए है इस पर भी अफसरों से बात होगी। जिले में धान उपार्जन को लेकर क्या तैयारियां है। किसानों को किसी किस्म की दिक्कत न हो इस पर भी वे बात करेंगे।
मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान प्रदेश में कोरोना संक्रमण रोकने की जा रही तैयारियों और कोविड टीकाकरण के लिए पंद्रह से अठारह वर्ष के बच्चों के टीकाकरण की मौजूदा स्थिति और बुजुर्गो और फं्रटलाईनर्स को बूस्टर डोज लगाने के क्रम में अब तक कितने लोगों को बूस्टर डोज लग चुके है और शेष सभी लोगों को कब तक टीके लग जाएंगे इस पर भी सीएम बात करेंगे। पशुपालकों और मत्स्यपालकों को किसान क्रेडिट कार्ड जारी करने की प्रगति पर भी बैठक में बात होगी।
जिले में एडाप्ट इन आंगनबाड़ी अभियान और जनसहभागिता से निजी स्पांसरशिप कार्यक््रम के संचालन के संबंध में भी कांफ्रेंस में चर्चा की जाएगी।कलेक्टरों से कहा जाएगा कि इस अभियान में अधिक से अधिक आमजन को जोड़ा जाए।
जिलों में सुशासन लाने के लिए किस तरह के नवाचार जिलों में किए जा रहे है इन नवाचारों को कलेक्टर कांफ्रेस के दौरान शेयर करेंगे। जो अच्छे नवाचार होंगे उन्हें अन्य जिलों में भी लागू किया जाएगा। ग्वालियर कलेक्टर उर्जा जिले के उर्जा साक्षरता अभियान के बारे में बताएंगे। विमुक्त, घुमक्कड़ एवं अर्द्धघुमक्कड़ जातियों के जाति प्रमाणपत्र बनाने की कार्यवाही की समीक्षा भी की जाएगी। विमुक्त घुमक्कड़, एवं अर्द्धघुमक्कड़ जातियों के श्रमिकों और फेरीवालों के लिए अलग से पहचान पत्र बनाने के काम की प्रगति की भी समीक्षा की जाएगी।