भोपाल
आजादी के अमृत महोत्सव में संस्कृति विभाग के स्वराज संस्थान संचालनालय द्वारा मध्यप्रदेश के क्रांतिकारियों और महापुरुषों के जीवन संघर्ष पर आधारित आठ दिवसीय नाट्य समारोह शहीद भवन भोपाल में "जनयोद्धा" का आज शुभारंभ हुआ। समारोह के पहले दिन रंग मोहल्ला सोसायटी फॉर परफार्मिंग आर्ट की प्रस्तुति बिरसा मुण्डा नाटक का मंचन हुआ। नाटक के माध्यम से दर्शकों ने बिरसा मुंडा के जीवन चरित्र, मूल्य, अंग्रेजों के विरुद्ध भारत के स्वतंत्रता संग्राम में उनकी भूमिका और संघर्ष को करीब से जाना और प्रेरणा ली।
नाटक के निर्देशक प्रदीप अहिरवार ने बताया कि बिरसा मुण्डा के जीवन चरित्र और संघर्ष ने नाटक मंचन के लिए प्रेरित किया। वरिष्ठ लेखक ऋषिकेश सुलभ के प्रभावी नाट्यालेख से ही नाटक को रंग-संरचना में पिरोना आसान हो पाया। रंगमंच के जरिये महानायक बिरसा मुण्डा को युवा पीढ़ी के सामने प्रस्तुत करना आज की आवश्यकता भी है।
अपनी वीरता, स्वाभिमान, समर्पण और संकल्पबद्धता के कारण इतिहास में स्मरणीय रहे महानायक बिरसा मुण्डा एक ऐसे धर्म की स्थापना करना चाहते थे, जहाँ भय नहीं विश्वास हो और लोग स्वतंत्रता के साथ जीवन जी सके। इसके लिए उन्होंने क्रांतिकारी गतिविधियों में सक्रिय रह कर अंग्रेज शासकों को चैन की साँस नहीं लेने दी। मुण्डाओं के अपमान से उद्वेलित हो कर उन्होंने मिशन स्कूल का त्याग कर मुण्डाओं को संगठित कर सामाजिक जीवन में उन्हें सम्मान दिलाया और इतिहास में विशिष्ट पहचान स्थापित की। अंचल विशेष में बिरसा मुण्डा को भगवान की तरह पूजा जाता है।
बिरसा मुण्डा नाटक में वेशभूषा और संगीत में जनजातीय जीवन की स्थानीयता झलकती है। दयानिधि मोहन्ता की प्रकाश परिकल्पना एवं मंच परिकल्पना, मानस भारद्वाज के गीत और सुरेन्द्र वानखेड़े के कर्णप्रिय संगीत ने नाटक को रोचकता प्रदान की। बिरसा के रूप में रमेश अहिरे ने बिरसा मुण्डा के जीवन को साकार कर दिया। मंच पर सूत्रधार के रूप में अदनान खान एवं कलाकारों के रूप में विवेक त्रिपाठी, उदय निवालकर आर्यन शर्मा, सौरभ राजपूत, अभिषेक शास्त्री, दिव्या बाबी श्रीवास्तव, सुनीता अहिरे और प्रीति खरे का अभिनय सराहनीय रहा।
जनयोद्धा नाट्य समारोह में रविवार, 23 जनवरी को शाम 6.30 बजे शहीद भवन में प्रीति झा तिवारी के पुनर्संयोजन में "आई.एम. सुभाष" की प्रस्तुति होगी।