जबलपुर
जबलपुर जिले की 107 सोसायटियों से लेकर निजी वेयरहाउस और कृषि उपज मंडी में खुले में पड़ा धान बारिश से गीला हो गया। सबसे ज्यादा नुकसान उन किसानों को हुआ, जो अपना धान तुलवाने के लिए कई दिनों से सोसायटी और वेयरहाउस के बाहर इंतजार कर रहे हैं। दमोह नाका िस्थत कृषि उपज मंडी पर खुले में रखा धान बारिश की वजह से खराब हो गया। यहां पर धान के बोरों को भी खुले में रख दिया गया था। बारिश से यह बोरे भी गीले हो गए।
इधर जिला विपरण अधिकारी रोहित बघेल का कहना है कि शहर में देर शाम तक किए गए सर्वे में 20 हजार बोरा धान गीला होने का अनुमान है। वहीं दूसरी ओर खुले में जबलपुर जिले में कृषि उपज मंडी से लेकर सोसायटी और वेयरहाउस में खुले में पड़ा लगभग एक लाख क्विंटल धान गीला होने की संभावना है।
कई किसानों से सोसायटी में बारदाने न मिलने का आरोप लगाया। वहीं कई सोसायटी और वेयरहाउस में बारिश की संभावनाओं को देखते हुए दो दिन पूर्व ही धान को तिरपाल से ढांक दिया गया, जो गीला होने से बच गया। दमोहनाका िस्थति कृषि उपज मंडी में खुले में रखा कई हजार क्विंटर धान को बारिश से खराब हो गया। बोरे की धान भी खुले में रख दिया गया था, जिससे वह भी गीला हो गया। बोरोें के नीचे बारिश का पानी भर जाने की वजह से धान गीला हो गया। इस दौरान मंडी के जिम्मेदारों की लापरवाही भी सामने आई। पहली बारिश में भीगा धान भी खुले में रखा रहा, जो दूसरी बारिश में और खराब हो गया। कई बोरे में तो धान अंकुरित भी हो गया। कृषि उपज मंडी में पहली बारिश में भीगे धान के बोरे, दूसरी बारिश में भी नहीं उठाए गए, जिससे इनमें पौधे तक निकल आए हैं।