राजधानी के कुछ क्षेत्रों में मूवमेंट जारी, बढ़ रहा बाघों का कुनबा

भोपाल
राजधानी के कुछ क्षेत्रों में पिछले दिनों तेंदुए के मूवमेंट के बाद अब केरवा और कलियासोत के जंगलों में रहने वाले वन्य प्राणियों को जंगल में ही रोकने  के लिये 10 किमी तक चेनलिंक फेंसिंग लगाने का काम तेज हो गया है। वन विभाग से जुड़े सूत्रों के अनुसार यह काम 80 प्रतिशत तक पूरा कर लिया गया है। अमरनाथ कॉलोनी के पास से चिचली बैरागढ़ तक चेनलिंक फेंसिंग का काम पौन दो करोड़ की लागत से किय गया जा रहा है

केरवा , कलियासोत , मिडोंरी, मिंडोरा, झिरी आदि से लगे जंगलों में रहने वाले वन्य प्राणियों पर वनविभाग द्वारा 580 ट्रैप कैमरों से  निगरानी की जा रही है। मंडल के डीएफओ आलोक पाठक के अनुसार भोपाल-सीहोर में करीब 19 बाघ हैं। भोपाल के आसपास बाघों की उपस्थिति का  पिछले दिनों सर्वे कराया गया था तो यहां पर 80 से अधिक गुफाएं जंगल में मिली थी, जहां पर बाघिनें शावकों को सुरक्षित रूप से जन्म देने आती थीं। इसके बाद यहां की कुछ गुफाओं को बंद करा दिया गया था। ताकि बाघ रहवासी इलाके में ज्यादा मूवमेंट न कर सके।

भोपाल के समरधा, सीहोर के झिरी में   19 से अधिक बाघों का मूवमेंट है। इनमें    8 बाघिनें शावकों के साथ.. वर्तमान में असंरक्षित क्षेत्र भोपाल के मिंडोरा में एक, झिरी में एक, रातापानी में 4 और सिघौंरी सेंचुरी में दो बाघिनें शावकों के साथ देखी गयी हैं। इनके संरक्षण के लिए शहर से लगे जंगलों के रास्तों पर चेक पोस्ट भी बनाए गए हैं।