भोपाल
''शिक्षा में व्यापक परिवर्तन लाना और शासकीय विद्यालयों के प्रति समाज में पुन: विश्वास पैदा करना हमारा उद्देश्य है। इसके लिए आधार को मजबूत बनाना है। विशेषकर बच्चों को बुनियादी शिक्षा पर ध्यान देने की आवश्यकता है।'' उक्त बातें मध्यप्रदेश के स्कूल शिक्षा राज्य मंत्री (स्वतंत्र प्रभार) इंदर सिंह परमार ने कहीं। वे आज स्कूल शिक्षा एवं साक्षरता विभाग भारत सरकार के द्वारा आयोजित 100 दिवसीय रीडिंग कैंपेन के वर्चुअल उन्मुखीकरण कार्यक्रम का शुभारंभ कर रहे थे।
श्री परमार ने कहा कि बच्चों सहित पूरे समाज में ही पढ़ने की आदत कम हो गई है, जब बड़े लोग पढ़ने पर ध्यान नहीं देते तो बच्चा भी उस ओर ध्यान नहीं देता है। उन्होंने कहा कि, भारत सरकार ने राष्ट्रीय शिक्षा नीति के अंतर्गत इसी बात को समझा और एक बड़ा अभियान, 100 दिवसीय रीडिंग कैंपेन कार्यक्रम शुरू किया है। परमार ने इस कैंपेन को प्रारंभ करने के लिए भारत सरकार के शिक्षा मंत्री धर्मेंद्र प्रधान को धन्यवाद भी दिया।
इस अवसर पर स्कूल शिक्षा राज्यमंत्री ने कहा कि मध्यप्रदेश राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020 के सभी आयामों पर तेजी से काम कर रहा है जिसके तहत यह रीडिंग कैंपेन भी आज से प्रारंभ हो रहा है। परमार ने कहा कि इस रीडिंग कैंपेन की सफलता तभी सुनिश्चित हो सकेगी, जब शिक्षकगण एवं अभिभावक गण अपनी प्रत्यक्ष सहभागिता देंगे क्योंकि बच्चे की रुचि किस क्षेत्र में है यह ज्ञान बच्चे के अभिभावक और परिवार को ज्यादा होता है। उन्होंने कहा कि बच्चों में पढ़ने के उत्सुकता विकसित करने के लिए स्वाभाविक प्रसंगों, छोटी-छोटी कहानियां, महापुरुषों के संदर्भों आदि का प्रेरणा के तौर पर समावेश करने की आवश्यकता है।
विभाग द्वारा इसके लिए कहानी आदि की पुस्तकें पुस्तकालयों में पहुँचाई जा रही है। परमार ने वैज्ञानिक जगदीश चंद्र बसु के बचपन के एक प्रसंग का उदाहरण देकर परंपरागत व्यवहार को विज्ञान के साथ रखकर बच्चों में सीखने और पढ़ने की जिज्ञासा पैदा करने के प्रयोग करने की बात कही। परमार ने इस अभियान को चुनौती के रूप में स्वीकार करते हुए सरलता के साथ बच्चों में पठन अभिरूचि विकसित करने एवं राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020 के लक्ष्यों के अनुरूप शिक्षा में बदलाव लाने के लिए शिक्षकगण एवं अधिकारीगण को इसका क्रियान्वयन करने को कहा।
इसके पूर्व राज्य शिक्षा केन्द्र के संचालक धनराजू एस ने 100 दिवसीय रीडिंग कैम्पेन की जानकारी दी एवं क्रियान्वयन गतिविधियों की चर्चा की। धनराजू एस ने कहा कि इस अभियान का उद्देश्य मात्र पढ़ना ही नहीं है, वरन बच्चों में समझके पढ़ने और पढ़कर समझने के गुण विकसित करना है। रीडिंग अभियान के 100 दिवसों को कुल 14 सप्ताह में विभाजित करते हुए साप्ताहिक गतिविधियाँ निर्धारित की गई हैं, इन सप्ताहों में अधिकारीगण एवं शिक्षणगण मिलकर पूरी कार्ययोजना का कार्यान्वयन करेंगे।
कार्यक्रम के अंत में राज्य शिक्षा केन्द्र के अपर मिशन संचालक लोकेश कुमार जांगिड ने आभार ज्ञापित किया। इस अवसर पर अधिकारीगण के साथ ही राज्य शिक्षा केन्द्र के यूट्यूब चैनल पर वर्चुअली लगभग 30 हजार शिक्षक एवं अन्य मैदानी सहयोगी लाइव जुड़े हुए थे। कार्यक्रम को सायंकाल तक लगभग 65 हजार व्यक्तियों द्वारा देखा गया।