PM मोदी ने पूर्व CM उमा भारती की तारीफ, राज्यपाल बनाए जाने की भी चर्चा

भोपाल
 प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने देश के बहादुर बच्चों के साथ सीधे संवाद में मध्य प्रदेश की पूर्व मुख्यमंत्री उमा भारती की प्रतिभा की तारीफ की और बचपन का किस्सा भी सुनाया। पहली नजर में यह भले ही सामान्य लगता है, लेकिन इसके सियासी मायने निकाले जा रहे हैं। उमा भारती मध्य प्रदेश में शराबबंदी के लिए 14 फरवरी से अभियान की घोषणा कर चुकी हैं, तो उत्तर प्रदेश में हिंदुत्व कार्ड और ओबीसी के लिए उमा भारती प्रभावी चेहरा साबित हो सकती हैं।

राजनीतिक विश्लेषकों का मानना है कि प्रधानमंत्री की प्रशंसा से उमा भारती अब शिवराज सरकार की मुश्किलें बढ़ाने वाले अपने शराबबंदी अभियान को लेकर पुनर्विचार कर सकती हैं। शिवराज सरकार राजस्व के लिए कई तरह की चुनौतियों का सामना कर रही है और फिलहाल शराबबंदी लागू कर आर्थिक मुश्किलों में नहीं पड़ना चाहती। इस मुद्दे पर शिवराज सरकार की असहज स्थिति का अंदाजा इसी से लगाया जा सकता है कि सत्ता और संगठन की ओर से कोई प्रतिक्रिया व्यक्त नहीं की जा रही है।

उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनाव पर भी इसका खासा प्रभाव पड़ सकता है। चुनाव प्रचार के गति पकड़ने की स्थिति में भाजपा उन चेहरों को प्रमुखता से आगे रखना चाहेगी, जो हिंदुत्व के साथ ओबीसी वर्ग को प्रभावित कर सकें। इस लिहाज से उमा भारती की अहम भूमिका हो सकती है। वह वर्ष 2014 के लोकसभा चुनाव में झांसी सीट से जीत दर्ज कर चुकी हैं। मध्य प्रदेश की तरह ही उत्तर प्रदेश में भी उन्हें हिंदुत्व का प्रमुख चेहरा माना जाता है। ऐसे में उमा भारती की प्रधानमंत्री द्वारा की गई प्रशंसा से उत्तर प्रदेश में योगी आदित्यनाथ के लिए स्थिति ज्यादा मजबूत हो सकती है।

राज्यपाल बनाए जाने की भी चर्चा

वर्ष 2019 में भले ही उमा भरती ने लोकसभा चुनाव न लड़ा हो, लेकिन वर्ष 2024 में चुनाव लड़ने का उन्होंने एलान कर दिया है। इधर एक चर्चा यह भी है कि उन्हें वर्ष 2024 से पहले उत्तर प्रदेश का राज्यपाल बनाया जा सकता है। इससे ओबीसी वोटबैंक और हिंदुत्व दोनों मुद्दे पर भाजपा को फायदा होगा।

क्या कहा प्रधानमंत्री मोदी ने

बहादुर बच्चों के साथ ही प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने सोमवार को विशिष्ट कार्य करने वाले बच्चों से भी सीधा संवाद किया। इंदौर के बालक अवि शर्मा की प्रतिभा से प्रभावित प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि मध्य प्रदेश, विशेषकर मालवा की मिट्टी में कुछ चमत्कार है, जो धार्मिक प्रवृत्ति के बच्चों में दिखाई पड़ती है। उन्होंने बचपन का किस्सा सुनाते हुए कहा कि करीब 45-50 वर्ष पूर्व जब उमा भारती की उम्र कम थी, तभी से वह धार्मिक प्रवचन आदि करती रही हैं। वह गुजरात के मणिनगर में प्रवचन के लिए आई हुई थीं। हालांकि वह बच्ची थीं, लेकिन धाराप्रवाह संस्कृत के श्लोक, वेद पाठ और प्रवचन आदि करती थीं। जिसे देख कर तब मैं भी प्रभावित हो गया था। उन्होंने उमा भारती की प्रशंसा करते हुए कहा कि वह हमारी सनातन संस्कृति, वेद, धार्मिक ग्रंथों की प्रखर वक्ता हैं।