सरकारी कामकाज में ड्रोन के इस्तेमाल पर बनेगी पॉलिसी

भोपाल
सरकारी कामकाज में ड्रोन का इस्तेमाल कैसे किया जाए इसको लेकर राज्य सरकार पॉलिसी बनाने जा रही है। मुख्य सचिव इकबाल सिंह बैंस इसको लेकर कृषि विभाग, गृह विभाग सहित अन्य कई विभागों की अफसरों के साथ आज मंथन करेंगे। शाम को होने वाली इस बैठक में ड्रोन के जरिए जमीनों के सीमांकन, ज्योग्राफिकल नक्शा तैयार करने, खेतों में पेस्टीसाईड के छिड़काव जैसे कई महत्वपूर्ण कामों के लिए ड्रोन के उपयोग की नीति बनाने चर्चा होगी।

मंत्रालय में मुख्य सचिव इकबाल सिंह बैंस ने शाम को चार बजे इसको लेकर आला अफसरों की बैठक बुलाई है। केन्द्र सरकार कृषि के क्षेत्र में ड्रोन के उपयोग को बढ़ावा देने की दिशा में तेजी से काम कर रही है। केन्द्रीय कृषि मंत्री नरेन्द्र सिंह तोमर ने हाल ही में खेती-किसानी के कामों में ड्रोन के उपयोग के लिए स्टेंडर्ड आॅपरेटिंग प्रोसिजर जारी किए थे। इसके तहत ड्रोन के खेतो ंके विभिन्न कामों में उपयोग के लिए  फ्लाइंग परमीशन, क्षेत्र की दूरी के प्रतिबंध, ओवरक्राउडेड एरिया रिस्ट्रक्शन,  ड्रोन के पंजीयन, सुरक्षा के लिए बीमा, पायलटिंग प्रमाणपत्र, आॅपरेटिंग प्लान, एयर फ्लाईट जोन, वेदर कंडीशन और इमरजेंसी लैंडिंग प्लान सहित कई विषय शामिल है। केन्द्रीय कृषि मंत्रालय द्वारा जारी इस एसओपी के आधार पर मध्यप्रदेश में ड्रोन इस्तेमाल की पॉलिसी का खाका तैयार किया जाएगा।

 जहरीला पेस्टीसाइड छिड़काव से कीट-व्याधि रोकना होगा आसान
किसानों को फसलों पर लगने वाले कीटों, बीमारियों ,इल्लियों और फफूंद सहित अन्य खरपतवार को रोकने के लिए खेतों के बीच जाकर जहरीले पेस्टीसाइड का छिड़काव करना होता है। यह स्वास्थ्य के लिए काफी हानिकारक होता है। यदि ड्रोन के जरिए यह छिड़काव हो जाएगा तो किसानों को इसका दुष्प्रभाव नहीं झेलना होगा और कम समय में अधिक क्षेत्रों में कीट नियंत्रण हो सकेगा और फसलों को जल्द से जल्द सुरक्षित किया जा सकेगा। इस काम के लिए लगने वाले मानव श्रम के इंतजाम में राशि और समय भी खर्च नहीं करना होगा।

Exit mobile version