प्रधानमंत्री जल जीवन मिशन योजना में पलीता लगा रही घटिया पाइप लाइन

अशोकनगर
 प्रधानमंत्री जल जीवन मिशन योजना के तहत हर घर तक पानी पहुंचाने का सपना साकार होता नजर नहीं आ रहा है। आलम यह है कि, जिन गांवों में योजना का कार्य अंतिम चरण में है। उन गांवों में भी पानी घरों तक नहीं पहुंच रहा। नईसराय तहसील मुख्यालय का ही उदाहरण लिया जाए तो अब से लगभग पांच महीने पहले टोंटियों के माध्यम से लोगों के घरों तक पानी पहुंचाए जाने का प्रयास किया गया था। शुरूआत के दो-चार सप्ताह तो पानी ठीक-ठाक पहुंचता रहा। लेकिन इसके बाद पाइप लाइन में लीकेज शुरू हो गया। यही कारण रहा कि लोगों के घरों तक नियमित पानी की सप्लाई अब तक शुरू नहीं हो सकी। खासबात यह है कि, जिस पीवीसी पाइप की तीस साल की गारंटी बताई जा रही है। वह तीन दिन भी नहीं टिक पा रहा है।

ईसागढ़ जनपद की विभिन्न ग्राम पंचायतों में संचालित नल जल योजना का इतिहास 15 से 20 साल पुरानी हैं। यही कारण है कि नईसराय, महिदपुर, ईंदौर जैसे बड़े गांवों के अलावा कई अन्य ग्राम पंचायतों की नल जल योजनाएं काफी पहले ही दम तोड़ चुकी हैं। बताया जाता है कि, कदवाया गांव में संचालित नल जल योजना ही एक मात्र ऐसी थी , जिससे कदवाया गांव के लोगों को पानी मिल रहा है। हालांकि, इसमें पीएचई विभाग का कम ग्राम पंचायत और क्षेत्रीय विधायक का सहयोग ज्यादा रहा था। बताते हैं कि जब भी नल जल योजना ने दम तोडऩे का प्रयास किया। ग्राम पंचायत ने अपने स्तर से उसे ठीक कराया।

पहले चरण में 33 गांवों में चल रहा है काम-
प्रधानमंत्री द्वारा लोगों तक साफ और स्वच्छ के अलावा भरपूर पानी टोंटियों के माध्यम से पहुंचाए जाने के लिए जल जीवन मिशन योजना लागू की है। इस योजना के तहत साल 2024 तक ज्यादातर घरों में पानी पहुंचाए जाने का प्रयास है। सूत्रों की मानें तो 3.60 लाख करोड़ की इस योजना में चिन्हित गांवों में पानी स्टोरेज करने के लिए टंकी बनाई जा रही है। जबकि मोहल्लों में 30 साल गारंटी वाली पीवीसी लाइन भी बिछाए जाने का काम चल रहा है। योजना के तहत ईसागढ़ ब्लॉक की लगभग तीन दर्जन ग्राम पंचायतों में काम किया जा रहा है। इसमें से कुछ ग्राम पंचायतों में तो काम अंतिम चरण में है। हालांकि, जमीनीस्तर की कहानी कुछ और ही है। सूत्रों की मानें तो नईसराय तहसील मुख्यालय पर योजना का काम अंतिम चरण में है। जबकि हकीकत में ग्रामीणों को एक सप्ताह भी नियमित पानी योजना के तहत नहीं मिला। स्थानीय लोगों की मानें तो शुरूआत में पानी की सप्लाई करने का प्रयास किया था। लेकिन कई जगह पाइप लाइन में लीकेज शुरू हो गया। परिणाम यह हुआ कि लोगों के घरों तक पानी ही नहीं पहुंचा। वर्तमान समय में तो काफी लंबे समय से गांव में पानी की सप्लाई ही नहीं हुई।

बीस लाख से सवा करोड़ तक किए जा रहे हैं खर्च-
प्रधानमंत्री जल जीवन मिशन योजना के तहत हर घर में पानी पहुंचाए जाने के उद्देश्य से 20 लाख से 1.25 करोड़ रूपए तक खर्च किए जा रहे हैं। दरअसल, योजना के तहत कई ऐसे मजरे टोलों को भी शामिल किया गया है। जिनकी आबादी महज पांच सौ से सात सौ तक है। ऐसे मजरे टोलों में योजना की लागत काफी कम है। जबकि योजना के तहत नईसराय, कदवाया, डुंगासरा और महिदपुर सहित कई ऐसे कस्बे भी हैं। जिनमें इस योजना के तहत 1.25 करोड़ रूपए से भी ज्यादा का काम होना है। इस संबंध में पीएचई राज्यमंत्री बृजेन्द्र सिंह यादव से भी संपर्क करने का प्रयास किया गया। लेकिन उनसे संपर्क नहीं हो सका।