इंदौर । इंदौर में आयोजित 17वें प्रवासी भारतीय सम्मेलन के समापन समारोह में राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मु ने विशिष्ट हस्तियों को सम्मानित किया। सम्मान समारोह के बाद उन्होंने अपने संबोधन में कहा कि वे इस समारोह में आकर प्रसन्न हैं। उन्होंने आयोजन की तारीफ की और गुयाना और सूरीनाम के राष्ट्रपति की इस आयोजन में मौजूदगी को लेकर भी खुशी व्यक्त की। राष्ट्रपति ने कहा कि यह आयोजन काफी महत्वपूर्ण है। उन्होंने प्रवासी भारतीय सम्मेलन की सराहना की। राष्ट्रपति ने ब्रिलिएंट कन्वेंशन सेंटर में तीन दिवसीय 17 वें प्रवासी भारतीय सम्मेलन का समापन किया। उन्होंने अपने अपने क्षेत्र में उत्कृष्ट कार्य के लिए 27 प्रवासी भारतीयों को प्रवासी भारतीय सम्मान प्रदान किए। कार्यक्रम में गुयाना के राष्ट्रपति डॉ. मोहम्मद इरफान अली और सुरीनाम के राष्ट्रपति चंद्रिका प्रसाद संतोखी विशेष रूप से शामिल हुए। राज्यपाल मंगु भाई पटेल भी उपस्थित थे। राष्ट्रपति ने अपने संबोधन में प्रवासी भारतीयों की तारीफ करते हुए कहा कि प्रवासी भारतीयों ने अपनी कड़ी मेहनत से देश का नाम रोशन किया है। उन्होंने कहा कि प्रवासी भारतीय एक यूनिक प्लेटफार्म है। आप लोगों से 3 दिन हुई चर्चा हमारे लिए अमूल्य है। यह सम्मेलन राष्ट्रपिता महात्मा गांधी के 9 जनवरी 2015 में अफ्रीका से लौटने की गौरवमयी याद में मनाया जाता है।
उन्होंने कहा कि इस वर्ष भारत को जी-20 की अध्यक्षता करने का गौरव प्राप्त हुआ है। इसकी थीम "एक धरती, एक परिवार और एक भविष्य" हमारी वैश्विक परिवार की परिकल्पना पर आधारित है। भारत पूरे विश्व में सबके लिए समान विकास के द्वार खोलेगा। उन्होंने कहा कि भारत सरकार प्रवासी भारतीय के कल्याण के लिए हर संभव कार्य कर रही है। उन्हें सहायता और सहयोग देने के लिए डिजिटल प्लेटफॉर्म बनाया गया है। ऑपरेशन गंगा के माध्यम से यूक्रेन से भारतीय विद्यार्थियों को सम्मान पूर्वक वापस लाया गया। राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मु ने कहा कि प्रवासी भारतीय अलग-अलग देशों में बेहतरीन कार्य कर रहे हैं। उनकी सफलता की बदौलत विदेशी धरती पर भारत की पहचान बन रही है। अगले 25 साल में नए सफर पर भारत है। आपको एकजुट होकर इस शक्ति का राष्ट्र निर्माण में योगदान देना होगा। उन्होंने कहा कि देश को आजाद हुए 75 साल पूरे हो चुके हैं। इसे अमृत महोत्सव के रूप में मनाया जा रहा है। सरकार ने अगले 25 साल में विकास करने को लेकर रूपरेखा बनाई है, जिसमें भारत को मजबूत किया जाएगा। इसमें प्रवासी भारतीय भी अपना योगदान देकर देश को आगे बढ़ाने में मदद कर सकते हैं। राष्ट्रपति ने यह भी कहा कि भारत पूरी दुनिया को परिवार मानकर काम कर रहा है।
इन्हें मिला वर्ष 2022 का प्रवासी भारतीय सम्मान
1 प्रो. जगदीश चेन्नुपति, आस्ट्रेलिया, विज्ञान और प्रौद्योगिकी/शिक्षा
2 प्रो. संजीव मेहता, भूटान, शिक्षा
3 प्रो. दिलीप लौंडो, ब्राजील, कला और संस्कृति / शिक्षा
4 डा. अलेक्जेंडर जान, ब्रुनेई दारुएस्सलाम, दवा
5 डा. वैकुंठम अय्यर लक्ष्मणन, कनाडा, सामुदायिक कल्याण
6 जोगिंदर सिंह निज्जर, क्रोएशिया, कला और संस्कृति / शिक्षा
7 प्रो. रामजी प्रसाद, डेनमार्क, सूचना प्रौद्योगिकी
8 डा.. कन्नन अम्बलम, इथियोपिया, सामुदायिक कल्याण
9 डा. अमल कुमार मुखोपाध्याय, जर्मनी, सामुदायिक कल्याण/चिकित्सा
10 डा. मोहम्मद इरफान अली, गुयाना, राजनीति/सामुदायिक कल्याण
11 रीना विनोद पुष्करना, इजराइल, व्यवसाय/सामुदायिक कल्याण
12 डा. मकसूदा सरफी, जापान, शिक्षा
13 डा. राजगोपल, मैक्सिको, शिक्षा
14 अमित कैलाश चंद्र लाठ, पोलैंड, व्यवसाय/सामुदायिक कल्याण
15 परमानंद सुखुमल दासवानी, कांगो गणराज्य, सामुदायिक कल्याण
16 पीयूष गुप्ता, सिंगापुर, व्यवसाय
17 मोहनलाल हीरा, दक्षिण अफ्रीका, सामुदायिक कल्याण
18 संजयकुमार शिवभाई पटेल, दक्षिण सूडान, सामुदायिक कल्याण
19 शिवकुमार नदेसन, श्रीलंका, सामुदायिक कल्याण
20 डा. दीवान चंद्रभोसे शरमन, सूरीनाम, सामुदायिक कल्याण
21 डा. अर्चना शर्मा, स्विजरलैंड, विज्ञान प्रौद्योगिकी
22 न्यायमूर्ति फ्रेंक आर्थर सीप्रसाद, त्रिनिदाद और टोबैगो, शिक्षा
23 सिद्धार्थ बालचंद्रन, यूएई, व्यवसाय/सामुदायिक कल्याण
24 चंद्रकांत बाबूभाई पटेल, यूके, मीडिया
25 डा. दर्शन सिंह धालीवाल, अमेरिका, व्यवसाय / सामुदायिक कल्याण
26 राजेश सुब्रमण्यम, अमेरीका, व्यवसाय
27 अशोक कुमार तिवारी, उज्बेकिस्तान, व्यवसाय
मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने अपने संबोधन में सबका स्वागत किया। उन्होंने कहा कि आज समारोह के समापन पर वे भावुक हैं। इंदौर ने बेटी की शादी जैसी तैयारी की और जब बेटी की विदाई होती है तो मन में तकलीफ होती है। समारोह में तीन-तीन राष्ट्रपति की मौजूदगी से हम गौरवांवित हैं। शिवराज ने कहा कि इंदौर जनभागीदारी और जनसहयोग की राजधानी हैं। ग्लोबल गार्डन में लगाये पेड़ से प्रेम के बंधन में बांधा है। उन्होंने यहां सम्मानित होने वाले लोगों को बधाई दी। शिवराज ने बेटियों का महत्व बताने के साथ लाड़ली लक्ष्मी योजना की जानकारी दी। उन्होंने इस अवसर पर मध्य प्रदेश की विकास यात्रा का उल्लेख किया। सीएम ने प्रवासी भारतीयों से कहा मप्र लगातार आगे बढ़ रहा है। जाते-जाते निवेदन है कि मप्र को भूलना मत। निवेश में योगदान देना। आपको निवेश नहीं करना हो तो दूसरों से करवाएं। वर्ष में एक बार अपने शहर अवश्य आएं और अपना योगदान विकास में दें। हम आपको चीता देखने जरूर बुलाएंगे। अफ्रीका से और चीते मध्य प्रदेश में आएंगे।