
ग्वालियर
अयोध्या नगरी फूलबाग मैदान में राष्ट्रसंत मुनिश्री विहर्ष सागर महाराज, मुनिश्री विजयेश सागर महाराज, विनिबोध सागर महाराज व ऐलक श्री विनियोग सागर महाराज के सानिध्य श्रीमद्जिनबिंब पंचकल्याणक प्रतिष्ठा महोत्सव विश्वाशांति महायज्ञ एवं गजरथ महोत्सव के चौथे दिन आज सोमवार को बालक तींर्थकर आदिकुमार का जन्म कल्याणक, पांडुकशिलाभिषेक और रात्रि में पालन कर्यक्रम आयोजित किया गया। वही डेढ़ कुंटल बूंदी के लड्डू जन्म उत्सव पर वितरण किए गए।
महोत्सव के चौथे दिन जन्मकल्याण पर प्रात: तीथंर्कार बालक आदि कुमार का जन्म माता मरूदेवी की कोख से हुआ। जन्मोत्सव में सुबह जैसे ही तीर्थकर बालक आदिकुमार के जन्म की घोषणा हुई, पूरा पांडल मे तीर्थंकर बालक आदि कुमार की जय-जयकार कर से गूॅज उठा! महिलाएँ मंगल गीत गाते हुएं नृत्य करने लगी! सौधर्म इन्द्र समेत सभी इंद्र-इंद्राणियॉ खुशी के मारे झूम उठे! कुबेर ने रत्नो की बर्ष करते हुऐ नृत्य करने लगें।
महोत्सव के प्रवक्ता सचिन जैन ने बताया कि पंचकल्याणक महोत्सव समिति एवं समन्वयक जैन मिलन ग्वालियर की ओर से अयोध्य नगरी फूलबाग मैदान से जन्मोत्सव का भव्य जुलूस शोभायात्रा गाजे बाजे के साथ निकाली गई। वही चौबीस बग्गियो मे सजीधजी वेशभूष में इंद्रा-इंद्राणिया सवार थे। वही शोभायात्रा अयोध्या नगरी फूलबाग से शुरू होकर नदीगेट, जयेन्द्रगंज, इंदरगंज चैराहा, पाटनकर चौहरे से फालका बाजार, छप्परवाला पुल, शिंदे की छावनी, फूलबाग होते हुए जैन तीर्थ गोपाचल पर्वत पांडुकशिला पर पहुंची। जूलूस में तीन ऐरावत हाथी, घोड़े चल रहे थे। उदयपुर के बैंड के भजनों पर कभी संख्या मे जैन समाज के लोग नृत्य और भक्ति मे झूम रहे थे।
13 फीट ऊंचे सुमेरू पर्वत पांडुकशिला पर कलशों से अभिषेक
कार्यक्रम स्थल गोपाचल पर्वत पर जूलूस पहुचाने पर बालक आदिकुमार 13 फीट उंचे पांडुकशिला पर विराजमान किया। 1008 कलशों से पांडुशिला पर सौधर्म इंद्रा इन्दाणियों ने नाच गाकर जन्माभिषेक किया। रात्रि में बालक आदिकुमार का श्रृंगार कर सज्जी हुई भैसभूष में बालक को पालना में विराजमान किया। पालन को विषेश रूप से सज्जाय गया। वही इंद्रा व इंद्राणियो ने पालन झुलाने से पहले बधाई गीता गायएं साथही सौधर्म इन्द्र और इन्दाणियों सहित जैन समाज के लोगों ने बालक आदिकुमार का पालन झूलाया गया।