भोपाल। पिछले सत्रह महीने से नौकरी से गायब चल रहे आईएफएस एम कालीदुर्रई वापस लौट आए है। वन बल प्रमुख आरके गुप्ता ने उन्हें ज्वाइन करा दिया है। इतने लंबे समय तक गायब रहने के बाद वापस लौटे कालीदुर्रई को अब पहले मेडिकल बोर्ड को सफाई देना होगा कि वे आखिर इतने समय तक किस आधार पर गायब रहे इसके बाद उन्हें उद्यानिकी संचालक रहते हुए किए गए अनुदान घोटाले में जांच अधिकारियों के समक्ष भी अब व्यक्तिगत रूप से उपस्थित होकर सफाई देना होगा। लंबी छुट्टी से पहले कालीदुर्रई वन मुख्यालय में समन्वय शाखा में पदस्थ थे। वापसी के बाद भी उन्हें वहीं जिम्मेदारी सौंपी गई है। उद्यानिकी विभाग के अनुदान घोटाले में आरोप पत्र भेजने के लिए विभाग को जनवरी से मई 2021 तक उन्हें खोजना पड़ा। उनके स्थाई पते पर भेजी गई डाक भी लौट आई। विभाग ने उनके गृह राज्य तमिलनाडु के अखबारों में जाहिर सूचना प्रकाशित करने की तैयारी कर ली थी। इसकी भनक लगते ही उन्होंने अपना दूसरा मेल आईडी अधिकारियों को दिया।
अनुदान में घोटाले का आरोप
आईएफएस कालीदुर्रई के खिलाफ उद्यानिकी संचालक रहते हुए कोल्ड स्टोरेज के लिए कंपनियों और पॉलीहाउस निर्माण तथा स्प्रिंकलर के लिए किसानों को बांटे जाने वाले अनुदान में घोटाले का आरोप है। दूसरा मामला उनके कार्यस्थल से लगातार अनुपस्थित रहने का है। वन विभाग उन्हें मेल से आरोप पत्र दे चुका है। उनकी विभागीय जांच सीके पाटिल कर रहे है। सितंबर 2020 में उन्होंने अपनी मां की बीमारी की सूचना देकर कार्यालय आना छोड़ दिया था। उसके बाद मई 2021 में वे खुद बीमार हो गए। तब से वे लगातार मेल के जरिए अपने बीमार होने और डॉक्टर का पर्चा विभाग के अफसरों को भेजते रहे। दिसंबर 2021 में लगातान अनुपस्थित रहने के मामले में उनकी विभागीय जांच शुरु की गई। उन्हेंआरोप पत्र भेजकर उनसे जवाब मांगा गया लेकिन उन्होंने इसका कोई जवाब नहीं दिया।