आरजीपीवी को प्रदेशभर से मिले हैं 145 प्रोफेसरों के आवेदन

भोपाल
राजीव गांधी प्रौद्योगिकी विश्वविद्यालय के यूआईटी, शहडोल, झाबुआ, शिवपुरी इंजीनियरिंग कॉलेज में नियमित निदेशक की नियुक्ति होना हैं। इसकी स्कू्रटनी में प्रोफेसरों के रिसर्च पेपर अड़चन पैदा कर रहे हैं। इसके चलते उनकी नियुक्तियों में व्यवधान आ रहा है। इसके लिये प्रोफेसरों से लिखित में जवाब के साथ रिसर्च पेपर के सर्टिफिकेट तलब किये गये हैं। आरजीपीवी को आधा दर्जन डायरेक्टर के लिये समूचे प्रदेश से 145 प्रोफेसरों आवेदन प्राप्त हुये हैं।  

आरजीपीवी ने एक पॉलीटेक्निक सहित तीन कॉलेजों में निदेशक व प्राचार्य नियुक्त करने की प्रक्रिया शुरू कर दी है। आरजीपीवी के खास पदों पर नियुक्त होने के लिये प्रदेशभर के145 प्रोफेसरों ने आवेदन किये हैं। उनकी स्कू्रटनी शुरू हो गई है। इसमें काफी समस्याएं आ रही हैं। क्योंकि प्रोफेसरों ने बायोडाटा में अपने रिसर्च पेपर का जिक्र जरूर किया है, लेकिन उससे संबंधित दस्तावेज या सर्टिफिकेट नहीं लगाये हैं।

इससे यह प्रमाणित नहीं हो पा रहा है कि उन्होंने रिसर्च पेपर पब्लिश किये हैं या उन्होंने फर्जी रिसर्च पेपर की संख्या बायोडाटा में अंकित कर दी है। उनके फर्जीवाड़ा को खत्म करने के लिये आरजीपीवी ने प्रोफेसरों को पत्र लिखकर रिसर्च पेपर के सर्टिफिकेट या प्रमाण देने को कहा है। दस्तावेज पेश करने के बाद ही आगामी प्रक्रिया में शामिल होंगे। वे समय रहते दस्तावेज प्रस्तुत नहीं करते हैं, तो उन्हें साक्षात्कार से बाहर कर दिया जाएगा और शेष उम्मीदवारों के साथ आगामी कार्रवाई पूर्ण की जाएगी।

तकरार में रुके थे साक्षात्कार
पूर्व में निकाले गये विज्ञापन में आरजीपीवी को करीब 200 आवेदन मिले थे। यूटीडी और पॉलीटेक्निक के साथ शहडोल, झाबुआ और शिवपुरी के कॉलेज छह साल से नियमित डायरेक्टर की नियुक्त नहीं हो सकी है। 2019 में कुलपति डॉ. सुनील कुमार गुप्ता ने नियुक्ति के लिये आवेदन जमा कराए गये, लेकिन प्रदेश के कांग्रेस और भाजपा के सरकार परिवर्तन के चलते साक्षात्कार नहीं हो सके। अब आरजीपीवी ने यूटीडी में निदेशक के साथ पॉलीटेक्निक में प्राचार्य के साथ पांच पदों के लिये आवेदन करा लिये हैं। उनकी स्कू्रटनी पूर्ण होने के बाद उम्मीदवारी करने वाले प्रोफेसरों को साक्षात्कार के लिये आमंत्रित किये जाएंगे।

पॉलीटेक्निक प्राचार्य के लिये ज्यादा आवेदन
यूआईटी निदेशक की कुर्सी पर बैठने यूआईटी के प्रोफेसरों के ज्यादा आवेदन जमा हुये हैं। जबकि आरजीपीवी पॉलीटेक्निक में सबसे ज्यादा 41 आवेदन जमा हुये हैं। आरजीपीवी यूआईटी के लिये 35, शिवपुरी 27, शहडोल 21 और झाबुआ इंजीनियरिंग कॉलेज के लिये 21 प्रोफेसरों के आवेदन जमा हुये हैं। आरजीपीवी को 145 आवेदन मिले हैं। जबकि पूर्व में 200 आवेदन जमा हुये थे। करीब 55 आवेदनों की कटौती दर्ज की गई है। 

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