ग्वालियर
नई शराब नीति में प्रदेश सरकार अब देशी व अंग्रेजी शराब की बिक्री एक ही दुकान से करने पर विचार कर रही है। अब प्रदेश में 11 डिस्टलरी के जिलों में सप्लाई के लिए टेंडर नहीं होंगे। सभी 11 डिस्टलरी को सभी संभागों में विदेशी शराब की तरह ही गोदामों में शराब रखना होगी और वहां से ठेकेदार शराब की गुणवत्ता व कीमत का अध्ययन कर शराब अपनी दुकानों के लिए खरीदेंगे।
वर्तमान में प्रदेश में विदेशी शराब की 1100 व देशी शराब की 2200 दुकानें हैं, नई नीति में देशी-विदेशी शराब की दुकानाें की संख्या 3300 हो जाएगी। महुआ की शराब के लिए हेरीटेज शराब की नीति बनाई जा रही है। महुआ की शराब को बड़े शहरों व होटलों में भी आकर्षक पैकिंग में बेचा जाएगा। इसके अलावा प्रदेश में देशी शराब की कीमत को कम करने के लिए दूसरे प्रदेशों के डिस्टलरों को भी मंजूरी देने पर विचार किया जा रहा है।
अवैध शराब कारोबार को रोकने 2 प्रस्ताव
1. देशी शराब के अलग टेंडर खत्म होने से डिस्टलरी का एकाधिकार खत्म होंगे, कीमत में कमी आएगी।
2. महुआ की शराब हेरिटेज नीति से ग्रामीण क्षेत्र की शराब को मिलेगा बाजार।
1100 प्रदेश में विदेशी शराब की दुकानें
2200 प्रदेश में देशी शराब की दुकानें
3300 शराब दुकाने हो जाएंगी नई नीति में
शराब ठेकों के लिए छोटे-छोटे ग्रुप बनेंगे
शराब के ठेकों के लिए इस बार जिला स्तर पर एक ही सिंडीकेट को ठेका देेने के बजाय 3-5 दुकानों के छोटे-छोटे ग्रुप बनाकर टेंडर कराए जाएंगे। गत वर्ष भी यह प्रस्ताव बना था पर शराब कारोबारियों ने नुकसान का हवाला दिया। विवाद की स्थिति बनते देख फिर अधिकांश जिलों में एक कंपनी बनाकर ठेके दिए गए थे।
कई बदलाव करने की तैयारी है
अवैध शराब पर नियंत्रण के लिए कुछ बड़े बदलाव कर रहे हैं। हेरीटेज शराब की नीति के साथ ही एक दुकान पर देशी-विदेशी शराब बिकने के बिंदु पर भी विचार कर रहे हैं। -राजीव चंद्र दुबे, आयुक्त, आबकारी