राज्य पुलिस सेवा संगठन की जानकारी 12 वें नंबर पर है प्रदेश

भोपाल
राज्य पुलिस सेवा के अफसरों को आईपीएस दिलाने में मध्य प्रदेश बहुत पिछड़ा साबित हो रहा है। हालत यह है कि प्रदेश इस मामले में कर्नाटक, पश्चिम बंगाल, गुजरात, तमिलनाडु, बिहार, महाराष्टÑ और राजस्थान जैसे बड़े राज्यों से भी पीछे हैं। इनमें से कुछ राज्यों में वर्ष 2009 के राज्य पुलिस सेवा के अफसरों को आईपीएस अवार्ड हो चुका है। जबकि प्रदेश में अब तक 1996 बैच के एसपीएस अफसरों को ही आईपीएस अवार्ड मिला है।

सूत्रों की जानी जाए तो राज्य पुलिस सेवा संगठन के पदाधिकारियों ने दूसरे राज्यों का डाटा जुटाया है। जिसमें पता चला कि मध्य प्रदेश की तुलना में राज्य पुलिस सेवा के अफसरों को आईपीएस अवार्ड मिलने में 11 राज्य बेहतर है। इनमें देश के कई बड़े राज्य भी शामिल हैं।

दरअसल मध्य प्रदेश में आईपीएस कॉडर रिव्यू मांग अनुसार नहीं होने के चलते यह परिस्थिति बनी कि यहां पर 25 साल की नौकरी करने के बाद राज्य पुलिस सेवा के अफसरों को आईपीएस अवार्ड हो रहा है। इस साल आईपीएस कॉडर रिव्यू होने की संभावना है, लेकिन इसमें भी बहुत ज्यादा पद राज्य पुलिस सेवा के अफसरों को आईपीएस के लिए नहीं मिलेंगे।

कर्नाटक में वर्ष 2009, उत्तराखंड और पश्चिम  बंगाल में 2007, गुजरात में 2005, केरल में 2004, तमिलनाडु और झारखंड में 2002, बिहार में 1999, छत्तीसगढ़, महाराष्टÑ में 1998 और राजस्थान में 1996 बैच के एसपीएस आईपीएस बन चुके हैं। जबकि मध्य प्रदेश में अभी वर्ष 1995 ही पूरा हुआ है और वर्ष 1996 बैच के महज तीन अफसर ही आईपीएस होने जा रहे हैं।

वर्ष 1996 बैच के राज्य पुलिस सेवा के अफसरों को अब आईपीएस अवार्ड होना शुरू हो गए हैं। इस बैच के अफसरों की डीपीसी 20 दिसंबर को हो चुकी है। जिसमें से तीन अफसरों को आईपीएस अवार्ड होने जा रहा है। अब इस साल कि वैकेंसी पर इस बैच के कई और अफसर आईपीएस हो जाएंगे। इन अफसरों को आईपीएस बनने में 26 साल का वक्त लग जाएगा। जो अब तक के किसी बैच के अफसरों को आईपीएस अवार्ड होने का सबसे लंबा वक्त होगा।