भोपाल
नगरीय विकास एवं आवास मंत्री भूपेन्द्र सिंह ने कहा है कि राष्ट्रपिता महात्मा गांधी ने स्वच्छ राष्ट्र का सपना देखा था। बापू की इसी भावना को मूर्तरूप देने के लिए प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने स्वच्छ भारत अभियान की शुरूआत की। मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान के मार्गदर्शन में मध्यप्रदेश में भी यह अभियान सफलतापूर्वक चल रहा है। अभियान को और प्रभावी बनाने के लिए 26 जनवरी से "स्वच्छ प्रतिष्ठान" सर्वेक्षण सभी नगरीय निकायों में शुरू किया गया है। सिंह ने सभी से स्वच्छ प्रतिष्ठान सर्वेक्षण में सक्रिय भागीदारी का आग्रह किया है।
मंत्री सिंह ने कहा है कि इस सर्वेक्षण का उद्देश्य सफाई और कचरे के प्रबंधन में आम नागरिकों की सहभागिता को प्रोत्साहित करना है। सर्वेक्षण में विजेता प्रतिष्ठानों को "सिम्बल ऑफ क्लीनलीनेस" से सम्मानित किया जायेगा।
सिंह ने बताया है कि शहर में स्थित प्रतिष्ठानों में निजी एवं शासकीय कार्यालय, बैंक, छोटी-बड़ी दुकानें, शो-रूम, अस्पताल, क्लीनिक, होटल, रेस्टोरेंट, स्कूल आदि शामिल हैं। स्वच्छ शब्दावली में इन्हें बल्क वेस्ट जनरेटर कहा जाता है। इनके बीच ही स्वच्छ प्रतिस्पर्धा की जायेगी। स्टार रेटिंग के आधार पर इनकी राज्य स्तरीय रैकिंग भी होगी। सर्वेक्षण का मुख्य उद्देश्य प्रतिष्ठानों को स्वच्छता और कचरा प्रबंधन के लिए प्रोत्साहित करना है।
अलग-अलग श्रेणी में होगी रैकिंग
स्वच्छ प्रतिष्ठान सर्वेक्षण में अलग-अलग श्रेणी में रैकिंग होगी। इसमें स्वच्छ पाठशाला, स्वास्थ्य संस्थाएँ, होटल एवं रेस्टोरेंट, कार्यालय, हॉकर्स जोन और स्वच्छ बाजार आदि श्रेणीयाँ शामिल होंगी।
सर्वेक्षण प्रक्रिया में 300 अंकों की होगी रैंकिंग
सभी 407 नगरीय निकायों में स्थित प्रतिष्ठानों को सोशल मीडिया और अन्य माध्यमों से सूचना दी जायेगी। इनसे ऑनलाइन संवाद कर सर्वेक्षण प्रक्रिया के बारे में बताया जायेगा। प्रतिष्ठानों की रैंकिंग 300 अंकों की होगी, जो तीन माध्यमों से की जायेगी। प्रथम- प्राथमिक जानकारी के लिए एक गूगल लिंक जारी की जायेगी। लिंक में संस्थान जानकारी सबमिट करेंगे। इस जानकारी के आधार पर 100 में से अंक दिये जायेंगे। द्वितीय- निकाय स्तर पर जन-प्रतिनिधियों महिलाओं, बुद्धिजीवियों/अशासकीय संगठनों की एक समिति बनाई जायेगी। समिति प्रतिष्ठानों का भ्रमण कर उन्हें कुल 100 में से अंक देगी। तृतीय- नागरिकों से स्वच्छता के संबंध में फीडबैक/प्रतिक्रियाएँ आमंत्रित की जायेंगी। फीडबैक के आधार पर संस्थान को कुल 100 में से अंक दिये जायेंगे। तीनों माध्यमों से प्राप्त अंकों के औसत के आधार पर रैंकिंग की जायेगी। रैंकिंग के निकाय स्तरीय परिणामों के आधार पर समस्त श्रेणियों में जिला स्तरीय रैंकिंग की जायेगी।
पूरी प्रक्रिया को पारदर्शी बनाया गया है। समिति के भ्रमण, परिणाम आदि गोपनीय होंगे। नागरिकों से फीडबैक ऑनलाइन लिये जायेंगे। विजेता प्रतिष्ठानों को जन-प्रतिनिधयों की उपस्थिति में सम्मानित किया जायेगा। मंत्री कार्यालय तथा संचालनालय स्तर पर सर्वेक्षण प्रक्रिया की मॉनिटरिंग की जाएगी।