भोपाल
राजधानी में तीसरी लहर का कहर यानी कोरोना संक्रमण अब तेजी से बढ़ रहा है। हालात ये हैं कि बीते 24 घंटे में शहर में 1008 कोरोना संक्रमित मरीज मिले हैं। शहर में ठीक 9 महीने पहले 21 अप्रैल 2021 को दूसरी लहर में एक हजार से अधिक मरीजों का आंकड़ा मिला था। ऐसे में अब प्रशासन ने लगातार सख्ती बढ़ाने के निर्देश दिए हैं। शहर में मास्क चैकिंग, सोशल डिस्टेंसिंग सहित अन्य संक्रमण रोकने वाली व्यवस्थाओं को लागू किया जा रहा है। शहर में अब रोजाना जांच के आंकड़े भी बढ़ा दिए हैं।
कोरोना संक्रमण दर बढ़कर हुई 15%
पिछले सप्ताह जहां साढ़े चार हजार सैंपल लिए जा रहे थे वहीं वर्तमान में 6229 सैंपलों की जांच में 1008 मरीज मिले हैं। शहर में अब कोरोना संक्रमण दर बढ़कर करीब 15 फीसदी तक पहुंच गई है। शहर में एक्टिव मरीजों की संख्या बढ़कर करीब चार हजार के पहुंच गई है। शहरवासियों के लिए अच्छी बात यह है कि एक्टिव मरीजों में से 3852 मरीज होम आइसोलेशन में हैं। महज 125 मरीजों को ही भर्ती कराया गया है।
स्वास्थ्य विभाग ने तीसरी लहर के संक्रमण को देखते हुए स्वास्थ्य कर्मियों की छुट्टी पर रोक लगा दी गई है। सीएमएचओ डॉक्टर प्रभाकर तिवारी ने आदेश जारी किए हैं कि स्वास्थ्य सेवाओं से जुड़े अधिकारी, कर्मचारियों के अवकाश स्वीकृत करना संभव नहीं होने की सूचना दी गई है। साथ ही निर्देश दिए गए है कि किसी भी अधिकारी-कर्मचारियों को अवकाश आवेदन अपरिहार्य कारणों को छोड़कर अवकाश स्वीकृत न किए जाएं। इसी तरह जेल में बंद कैदियों से 31 मार्च तक मिलने पर रोक लगाई गई है।
तीसरी लहर में मौतों का आंकड़ा कम
राजधानी में नौ महीने पहले दूसरी लहर का कहर बहुत भारी था। 13 अप्रैल, 2021 को शहर में करीब 1456 कोरोना पॉजीटिव मरीज मिले थे। साथ ही औसतन रोजाना 5-6 मरीजों की मौत हो रही थी, लेकिन तीसरी लहर में कोरोना संक्रमितों का आंकड़ा जरूर एक हजार के पार पहुंच गया है, लेकिन मरीजों की मौत के मामले में आंकड़ा फिलहाल भी शून्य चल रहा है। ऐसे में अब लोगों को सिर्फ जागरुक रहना होगा। प्रशासन सभी को जागरुक कर रहा है कि वे मास्क लगाएं, भीड़भाड़ से बचें ताकि संक्रमित ना हों।
नेताओं के संपर्क में आए समर्थक करवा रहे जांच
राजधानी में सक्रिय भाजपा और कांग्रेस जनप्रतिनिधियों के कोरोना संक्रमित होने के बाद उनके सैकड़ों समर्थकों की स्थिति खराब है। नेताओं के साथ जो लोग लगातार संपर्क और भ्रमण में थे, वे अब या तो खुद कोरोना की जांच करवा रहे हैं या फिर उन्होंने खुद को आइसोलेट कर लिया है। कई समर्थक तो अपने संबंध में कोई जानकारी ही नहीं दे रहे हैं। गौरतलब है कि बीते तीन दिनों में भोपाल के तीन विधायक और दो कैबिनेट मंत्री कोरोना संक्रमित हुए हैं, जो अंतिम 15 घंटे तक लोगों के साथ देखे गए थे।