भोपाल
प्रदेश पुलिस के अधिकारियों और कर्मचारियों के विरुद्ध विभागीय जांच पर जारी आरोप पत्र और दर्ज आपराधिक प्रकरणों को अब सेवा पुस्तिका में भी लिखा जाएगा। अब तक सेवा पुस्तिका में नहीं लिखा जा रहा था। इसके चलते कई अफसर और कर्मियों की डीई चलने के दौरान ही उन्हें पदोन्नति मिल गई, जबकि सेवानिवृत्त होने के बाद कुछ को पूरी पेंशन भी दे दी गई। अब इस व्यवस्था को दुरुस्त करने के लिए डीजीपी विवेक जौहरी ने सभी को निर्देशित किया है।
बताया जाता है कि डीजीपी को लगातार यह जानकारी मिल रही थी कि कुछ पुलिस अफसर और कर्मियों की विभागीय जांच में आरोप पत्र मिल जाने और उनके खिलाफ आपराधिका प्रकरण दर्ज होने के बाद भी पदोन्नति दी जा रही है।
अब इस व्यवस्था को ठीक करने के लिए डीजीपी ने सभी पुलिस ईकाईयों को निर्देशित किया है कि किसी भी अधिकारी-कर्मचारी के खिलाफ आरोप पत्र जारी होते ही उसकी सेवा पुस्तिका में सजा के कॉलम में यह जानकारी दी जाए। इसी प्रकार आपराधिक प्रकरण दर्ज होने की भी जानकारी सजा के कॉलम में ही दर्ज की जाए। विभागीय जांच और आपराधिक प्रकरण की सूचना भी हर महीने नियमित रूप से अपडेट की जाए। तबादले के समय अफसर और कर्मचारी की लंबित विभागीय जांच, आपराधिक प्रकरण की जानकारी का विशेष रूप से ध्यान रखा जाए। पदोन्नति और सेवानिवृत्ति के दौरान सेवा पुस्तिका के ये कॉलम उच्च अफसर आवश्यक रूप से देखें।
डीजीपी ने जब रिकॉर्ड खंगाला तो पता चला कि पुलिस अफसरों और कर्मियों के खिलाफ विभागीय जांच में आरोप पत्र जारी होने या आपराधिक प्रकरण पंजीबद्ध होने की जानकारी सेवा पुस्तिका में दर्ज ही नहीं है। ऐसे में जब पुलिस अफसर या कर्मी का तबादला किसी अन्य ईकाई में हो जाता है तो वहां पर आरोप पत्र और आपराधिक प्रकरण की जानकारी ही नहीं रहती। ऐसे में उनको पदोन्नति मिल जाती है। कुछ इस तरह के मामलों में रिटायरमेंट के बाद पूरी पेंशन भी देने के मामले डीजीपी के सामने आए।