सीहोेर
कोलार रोड के आमडो और लोहपठार के बीच जंगल के रास्ते पर बीच सड़क पर रविवार रात करीब 8.30 बजे सड़क पर बाघ दिखाई दिया। जिले के नंदगाँव निवासी दो लोग अपनी कार से भोपाल से रेहटी आ रहे थे, तभी उन्हें बाघ नजर आया। इसके बाद एक और गाड़ी के सामने भी बाघ चहलकदमी करता दिखाई दिया। राहगीरों ने बाघ का वीडियो तो बनाया, लेकिन वे अचानक बाघ को देखकर डर गए। कोलार रोड रातापानी अभ्यारण इलाके में आता है और यहां लागतार जंगली जानवरों का मूवमेंट रहता है। बाघ का मूवमेंट भी यहां रहता है, लेकिन अब तक बीच सड़क पर इस तरह की चहलकदमी करता हुआ बाघ कम ही दिखाई दिया।
इससे पहले करीब 6 माह पहले कोलार फिल्टर प्लांट के पास के जंगल में भी बाघ घूमता हुआ नजर आया था। प्लांट पर कार्यरत कर्मचारियों ने इसका वीडियो बनाकर वरिष्ठ अधिकारियों को भेज दिया। तीन महीने पहले प्लांट के भीतर एक घायल शावक आ गया था, जिसे वन विहार का दस्ता रेस्क्यू करके ले गया था, लेकिन इस बाघ को बचाया नहीं जा सका। दरअसल कोलार रोड के आसपास के जंगलों में अक्सर टाइगर नजर आता है। टाइगर से बचाव के लिए वन विभाग ने यहां बाउंड्रीवॉल का निर्माण भी कराया है। इस क्षेत्र में बाघ केे अलावा तेंदुए भी कई बार लोगोें को नजर आता है।
कोलार रोड पर कई ग्रामीण बस्तियां भी हैैं, जहां पर आदिवासी सहित अन्य वर्ग के लोग रहतेे हैं। बाघ की मूूवमेंट के कारण ये लोग भी दहशत मेें रहते हैं। आमडो और लोहपठार के बीच में जंगल केे रास्तेे से इन गांवों में जाना पड़ता है। इसी तरह से कई लोगों की जमीनें भी हैैं, जहां पर वे खेती करते हैं। इसके कारण अब इन लोगों कोे अपनेे खेतोें में जानेे मेें भी डर लगने लगा है।