भोपाल
पुराने ऐसे 100 शावक जिन्हें 2019 की गिनती में शामिल नहीं किया था उनके दम से मध्यप्रदेश एक बार फिर टाइगर स्टेट का दर्जा हासिल कर सकता है। दरअसल, पिछली गणना में एमपी में 100 से अधिक ऐसे शावक थे जो दो साल से कम उम्र के थे जिसके चलते तब इन्हें टाइगर की गिनती में शामिल नहीं किया था। लेकिन इस बार हो रही टाइगर की काउंटिंग में इन्हें शामिल किया जा रहा है। इससे प्रदेश में वन्यप्राणियों ने बाघों की संख्या में आर्श्चयजनक बढ़ोत्तरी होने का अनुमान लगाया है।
दूसरा चरण की शुरुआत
जानकारी के अनुसार प्रदेश में बाघों की गणना का दूसरा चरण शुरु हो गया है। जिसमें जंगल में ट्रैप कैमरे लगाए जाते हैं। इन कैमरों में बाघों की गतिविधियों को मॉनिटर किया जाता है। इससे पूर्व पहले चरण की बाघ गणना पूरी हो गई है। इस चरण में वनकर्मियों ने बाघों की उपस्थिति के प्रमाण (पेड़ों पर खरोंच, मल-मूत्र, घास पर लौट लगाने और पैरों के निशान) से तमाम सबूत जुटाए हैं।
यहां हो रही गिनती
कान्हा से पेंच टाइगर रिजर्व, पेंच से सतपुड़ा टाइगर रिजर्व, सतपुड़ा से मेलघाट (महाराष्ट्र) टाइगर रिजर्व, बांधवगढ़ से संजय दुबरी टाइगर रिजर्व, पन्ना टाइगर रिजर्व से रातापानी अभयारण्य, रातापानी से ओंकारेश्वर अभयारण्य, पन्ना से माधव टाइगर रिजर्व शिवपुरी, माधव से कुनो पालपुर नेशनल पार्क श्योपुर, कुनो पालपुर से रणथंभोर (राजस्थान) टाइग रिजर्व, पन्ना से रानीपुर (उत्तर प्रदेश) नेशनल पार्क, संजय दुबरी से घासीदार होते हुए झारखंड का पलामऊ पार्क शामिल हैं।
वन मंत्री का कहना
प्रदेश को टाइगर स्टेट का दर्जा फिर मिलने के शुभ संकेत मिल रहे हैं। सरकार के वन संरक्षण की दिशा में किए जा रहे कामों से यह परिस्थिति बनी है। वाइल्ड लाइफ के संरक्षण के सराहनीय काम हुए हैं।
विजय शाह, वन मंत्री