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भोपाल
राजधानी में सायबर अपराधों की विवेचना के लिए हर थाने में बनने वाली सायबर डेस्क अब तक नहीं बन सकी है। इस डेस्क में एसआई समेत पांच पुलिसकर्मियों के तैनात करने थे। इन पुलिसकर्मियों को रोजाना की कानून व्यवस्था और वीआईपी ड्यूटी में इस्तेमाल नहीं किया जाता था। इतना ही नहीं इस डेस्क को तकनीकि उपकरण भी दिए जाने थे, लेकिन यह डेस्क अभी तक शुरू नहीं हो पाई है। जबकि उम्मीद थी कि कमिश्नर सिस्टम लागू होने के बाद डेस्क को शुरू किया जाएगा। पुलिस मुख्यालय ने भी सायबर डेस्क को लेकर अपनी सहमति दे दी थी। अब यह व्यवस्था ठंडे बस्ते में चली गई है।
पुलिसकर्मी होते हैं परेशान: जिले में सायबर सेल जांच कर थाने को केस दर्ज करने के लिए प्रतिवेदन बनाकर भेज दी थी। थाना पुलिस उस प्रतिवेदन पर केस दर्ज कर लेती है, और आगे सायबर सेल करती है। हालांकि थाना पुलिस भी विवेचना में शामिल होती है, लेकिन डेस्क नहीं होने के कारण कई बार पुलिसकर्मी परेशान हो जाते हैं। क्योंकि पुलिसकर्मियों को कम्प्यूटर का ज्ञान होना जरूरी है। साथ ही उसके पुलिसकर्मियों को ट्रेनिंग देने की व्यवस्था भी की थी।