आज भगवान महाकाल बनेंगे दूल्हा ,3 क्विंटल फूलों से सजे का सेहरा

उज्जैन

महाशिवरात्रि पर आज  भगवान महाकाल दूल्हा बनेंगे। महाकाल मंदिर में महाशिवरात्रि पर्व की विशेष तैयारियां की जा रही हैं। भगवान महाकाल के लिए 3 क्विंटल फूलों से 11 फीट का सेहरा तैयार किया जा रहा है। इसमें 100 किलो अकौए और 200 किलो देसी फूलों का इस्तेमाल किया जा रहा है। गर्भगृह और नंदी हॉल को भी थाईलैंड और इंडोनेशिया के फूलों से सजाया जा रहा है। इसके लिए 5 कारीगर बेंगलुरू से बुलाए गए हैं। महाशिवरात्रि पर यहां 2 लाख श्रद्धालुओं के पहुंचने की उम्मीद है। जानते हैं महाकाल मंदिर की भव्य तैयारियां….

44 घंटे तक खुला रहेगा दरबार

    महाशिवरात्रि के दिन तड़के 3 बजे मंदिर के पट खोल दिए जाएंगे।
    इसके बाद गर्भ गृह लगातार 44 घंटे तक खुला रहेगा।
    दोपहर 12 बजे सरकारी पूजन होगा। इसमें अधिकारी शामिल होंगे।
    बुधवार रात 11 बजे पट बंद होंगे और दर्शनों का सिलसिला थमेगा।

लगातार चलेगा पूजन और अनुष्ठान

    महाशिवरात्रि को कुछ लोग शिव विवाह व कुछ प्राकट्य उत्सव मानते हैं।
    अल सुबह भस्म आरती के बाद सतत जल धारा चढ़ेगी।
    पंचामृत अभिषेक पूजन के बाद सप्त ढाणी चढ़ेगी।

    रात 11 बजे से पंच वक्र पूजन, लघु रुद्र अभिषेक, महान्यास, पंचामृत महा पूजन और श्रृंगार होगा।

    2 मार्च की सुबह सप्त धान्य अर्पण होगा। दोपहर 12 बजे भस्म आरती होगी।

सोने के चंद्रमा और सोने के त्रिपुंड से होगा महाकाल का तिलक

    महाकाल को 3 क्विंटल फूलों का सेहरा चढ़ाया जाएगा।
    बाबा को स्वर्ण के जेवर, स्वर्ण का चंद्रमा, स्वर्ण का त्रिपुंड व स्वर्ण का तिलक लगेगा।

महाशिवरात्रि पर दर्शन मात्र से मिलता है पुण्य

    पुजारी आशीष शर्मा ने बताया इस दिन उपवास-पूजन करने से साल भर पूजा का पुण्य मिलता है।
    मंदिर के पुजारियों के परिवारों वालों का भी 9 दिन तक उपवास होता है।
    अंतिम दिन पालना भोजन होता है, जिसमें मंदिर के सभी पंडे- पुजारी शामिल होते हैं।
    त्योहार में लगने वाला 6 लाख से अधिक का खर्च मंदिर समिति उठाती है।

100 किलो अकौए के फूल और सवा लाख बेलपत्र चढ़ाए जाएंगे

    सेहरे की तैयारी मालीपुरा स्थित अजय परमार और उनके परिवार वाले कर रहे हैं।
    इसमें 3 क्विंटल फूल लगेंगे। इसमें 100 किलो अकौए, 200 किलो देसी फूल हैं।
    सवा लाख बेल पत्र चढ़ाए जाएंगे।
    गर्भ गृह-नंदी हॉल थाईलैंड-इंडोनेशिया के फूलों से बेंगलुरू के कारीगर सजा रहे।