भोपाल
प्रदेश में जनजातीय कार्य विभाग के अधीन संचालित विद्यालयों में प्राचार्यों और शिक्षकों की कमी का असर चालू शिक्षा सत्र के शैक्षणिक कार्य में पड़ने वाला है। इसे देखते हुए जनजातीय कार्य विभाग ने विभाग के अधीन कार्यरत प्राचार्यों से लेकर शिक्षकों तक को रिटायरमेंट के बाद भी पुनर्नियुक्ति देने का फैसला किया है। आयुक्त जनजातीय कार्य विभाग को इसके क्रियान्वयन के निर्देश शासन ने दिए हैं।
आदेश में कहा गया है कि एक नवम्बर 2021 या उसके बाद रिटायर होने वाले प्राचार्य संवर्ग प्रथम श्रेणी, प्राचार्य हायर सेकेंडरी और हाईस्कूल, व्याख्याता, प्रधान पाठक उच्च श्रेणी शिक्षक संवर्ग, सहायक शिक्षक स्तर के कर्मचारियों व अधिकारियों की सेवाएं 30 अप्रेल 2022 तक ली जाएं। इसके लिए आयुक्त जनजातीय कार्य विभाग के साथ संभागीय उपायुक्त, सहायक आयुक्त और जिला संयोजक जनजातीय कार्य विभाग अधिकृत किए गए हैं। शासन ने कहा है कि इसके लिए वित्त विभाग की सहमति की आवश्यकता नहीं होगी। इसलिए ऐसे स्टाफ को बनाए रखने के लिए उनकी सीआर, स्वास्थ्य प्रमाण पत्र के आधार पर उन्हें पुनर्नियुक्ति दी जा सकेगी। इसमें यह शर्त जरूर तय की गई है कि अंतिम वेतन में से पेंशन की राशि काटकर जो शेष बची राशि है वह वेतन के रूप में प्राप्त होगी तथा पेंशन अलग से दी जा सकेगी परंतु यह राशि दोनों को मिलाकर वेतनमान के अधिकतम से ज्यादा नहीं होगी। यह आदेश जनजातीय कार्य विभाग के अधीन आने वाले 89 विकासखंडों के स्कूलों में प्रभावी होगा।