भोपाल
सदन में दिवंगतों को श्रृद्धांजलि देते हुए मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने कहा कि तीन बार सीतामऊ से विधायक रहे पूर्व विधानसभा सदस्य नानालाल पाटीदार सहज-सरल और भाजपा के कर्मठ नेता थे। वे आरएसएस से भी लंबे समय तक जुड़े रहे, मंदसौर में सहकारिता आंदोलन को इन्होंने मजबूत किया और भाजपा के काम को गांव-गांव तक ले जाने का काम किया। भाजपा विधायक और अविभाजित मध्यप्रदेश में मंत्री रहे पूर्व विधानसभा सदस्य मूलचंद खंडेलवाल के निधन से प्रसिद्ध समाजसेवी और कर्मठ नेता हमने खोया है।
कांग्रेस के विधायक रहे गोदिल प्रसाद अनुरागी कांग्रेस के समर्पित कार्यकर्ता, सांसद रहे, उन्होंने जनता की खूब सेवा की। कांग्रेस के पूर्व विधायक शिवचरण पठक के निधन से कुशल समाजसेवी, शिक्षाविद खोया है।युवा कांग्रेस का नेतृत्व कर चुके पूर्व विधायक चंद्रदर्शन गौड़ के रुप में समाजसेवी जनसेवक और भाजपा महिला मोर्चा की उपाध्यक्ष रह चुकी पूर्व विधायक रानी दुबे के रुप में कुशल जनसेवक खो दिया। सीएम ने कहा कि पूर्व केन्द्रीय मंत्री आस्कर फर्नाडीज कांग्रेस संगठन में और केन्द्रीय मंत्रिमंडल में रहे, दसवी और ग्यारवी लोकसभा में वे उनके साथ रहे,उन्होंने दलों से उपर उठकर समाज की सेवा की।
सुब्बाराव गांधीजी के सच्चे अनुयाई, स्वतंत्रता संग्राम सेनानी थे । कई बार जेल गए। उनका भोपाल और मध्यप्रदेश से गहरा नाता था। जौरा में गांधी सेवा आश्रम की स्थापना उन्होंने की। चंबल मे दस्युओं का समर्पण करवाने में उनका महत्वपूर्ण योगदान रहा और चंबल डकैतों से मुक्त हुआ। एक गांधीवादी को हमने खोया है। चिकित्सा जगत में डॉ एनपी मिश्रा का नाम भुलाया नहीं जा सकता। उनके नाम के बिना गांधी मेडिकल कॉलेज अधूरा था।
वह नाम है जिसने भारतीय सेना को हर चुनौती का सामना करने के लिए लगातार मजबूत किया। वे आर्मी चीफ रहे, उनकी सोच थी कि हम किसी को छेड़ेंगे नहीं यदि किसी ने हमें छेड़ा तो हम छोड़ेंगे नहीं। वे सेना के शौर्य के प्रतीक थे। उनकी पत्नी शहडोल की थी उन्हें भी हमन ेखोया है। इसी दुर्घटना में ग्रुप केप्टन वरुण सिंह को भी खोया है। उन्होंने तेजस को दुघटना से बचाया था तभी वायु सेना जान पाई तेजस में क्या खामी उन्हें कैसे ठीक कर सकते है। इसी हादसे में हमने वीर सेनानायक इछावर के जीतेन्द्र वर्मा को खोया, वे अंधेरे में सटीक निशाना लगा सकते थे। वीर सैनिकों के परिजनों को 1 करोड़ की सम्मान निधि दे रहे, शासकीय सेवा में ले रहे है। उनकी स्मृति मे किसी संस्था का नाम रखेंगे और प्रतिमा लगाने का काम करेंगे।काश्मीर के सोफिया में आतंकवादियों से मुठभेड़ में सतना करण सिंह राजपूत ने भी वीरतापूर्वक आतंकियों से मुकाबला किया शहीद हुए।
वहीं नेता प्रतिपक्ष कमलनाथ ने कहा कि सेनानायक रावत से वे दो तीन बार मिले है। सेना को लकर उनकी रणनीति प्रभवित करती थी। वह दुर्भाग्यवाला दिन था जब वे शहीद हुए। रक्षा मंत्रालय में उनका अलग सम्मान था। वरुण सिंह, जितेन्द्र वर्मा तीन सेवकों को खोया है। फर्नाडीज कनद्रीय मंत्रीमंडल में साथ रहे, सुब्बाराव ने लोगों का जीवन सुधारने अपना समर्पित कर दिया।