भोपाल
महाराजा विक्रमादित्य शोध पीठ द्वारा भारत उत्कर्ष और नव-जागरण पर एकाग्र तीन दिवसीय विक्रमोत्सव-2021 का रंगारंग उद्घाटन जनजातीय संग्रहालय में महानाट्य ‘सम्राट विक्रमादित्य’ की प्रस्तुति के साथ हुआ।
विक्रमोत्सव के शुभारंभ अवसर पर महाराजा विक्रमादित्य शोधपीठ के निदेशक तिवारी ने कहा कि यह हम सबके लिए गौरव की बात है कि हम अपने गौरवशाली अतीत से नयी पीढ़ी का परिचय करा रहे हैं। सम्राट विक्रमादित्य पर केंद्रित आयोजन प्राय: उज्जैन तक ही सीमित रहते आये हैं, जबकि विक्रम कीर्ति सार्वभौमिक रही है। इसी दृष्टि से विक्रमोत्सव श्रखंला को उज्जैन के परकोटे से बाहर निकाल कर पहली बार भोपाल लाया जा रहा है। यह समारोह श्रंखला भोपाल के अलावा पुणे, बनारस, प्रयागराज, पटना अहमदाबाद,चंडीगढ़ आदि सांस्कृतिक केंद्रों पर भी आयोजित होगी।
श्री तिवारी ने बताया कि उज्जैन में पिछले दिनों भारत-विक्रम शीर्षक से व्याख्यान श्रृंखला का आरंभ किया गया है, जिसे मध्यप्रदेश के समस्त विश्वविद्यालयों में आयोजित किया जाएगा। भारत उत्कर्ष एवं नव-जागरण पर केन्द्रित यह व्याख्यान माला देश के प्रमुख शहरों में भी आयोजित किये जाने की योजना है।
विक्रमोत्सव के पहले दिन संजय मालवीय के निर्देशन में विशाला सांस्कृतिक एवं लोकहित समिति, उज्जैन ने महानाट्य सम्राट विक्रमादित्य की प्रस्तुति दी। लगातार तीन दिन चलने वाले विक्रमोत्सव में दो अन्य नाटकों की प्रस्तुति होगी।