नए सिरे से पंचायतों के आरक्षण और परिसीमन से अटकेगी वोटर लिस्ट

भोपाल
प्रदेश में पंचायत चुनाव टलने के बाद अब नई मतदाता सूची तैयार करने का काम भी टलने के आसार बन गए हैं। राज्य निर्वाचन आयोग ने एक जनवरी की स्थिति में नई मतदाता सूची 16 जनवरी को प्रकाशित करने के निर्देश कलेक्टरों को दिए हैं लेकिन राज्य सरकार द्वारा पंचायतों के परिसीमन और आरक्षण की प्रक्रिया नए सिरे से कराने के अध्यादेश के बाद अब पंचायतों की मतदाता सूची प्रभावित होना तय माना जा रहा है। इसलिए इसका काम भी टल सकता है। पंचायत चुनाव को लेकर मतदाता सूची बनाने में जुटे अफसरों के मुताबिक चूंकि नए सिरे से परिसीमन और आरक्षण किया जाना है, इसलिए वार्डों की सीमा और संख्या में बदलाव होना तय है। सात साल बाद होने वाली इस प्रक्रिया में पंचायतों की स्थिति बदलने से वोटर भी प्रभावित होंगे। पंचायतें बढ़ेंगी तो वोटर को दूसरी पंचायत में शिफ्ट करना पड़ेगा। ऐसे में यह भी संभव है कि राज्य निर्वाचन आयोग मतदाता सूची के कार्यक्रम में बदलाव करे। यह भी माना जा रहा है कि आयोग ने इसी के चलते 31 दिसम्बर को बुलाई गई जिला निर्वाचन अधिकारियों की वीडियो कांफ्रेंसिंग को स्थगित कर दिया था।

इस बीच पंचायत और ग्रामीण विकास विभाग द्वारा मध्यप्रदेश पंचायत राज एवं ग्राम स्वराज अधिनियम 1993 की धारा 43 के साथ पठित धारा 95 की उपधारा (1)की शक्ति का प्रयोग कर नियमों में संशोधन के आदेश जारी किए गए हैं। इसमें नियम 14 के उपनियम 4 में जोड़ा गया है कि किसी कैलेंडर वर्ष में अधिसूचित सामान्य निर्वाचन के लिए उसी कैलेंडर वर्ष में जनवरी के प्रथम दिवस की अर्हता की स्थिति के अनुसार पुनरीक्षित मतदाता सूची अनिवार्य होगी। राज्य निर्वाचन आयोग का कहना है कि इस मामले में पहले ही एक जनवरी की स्थिति में मतदाता सूची बनाने के लिए कहा गया है। यह जरूर होगा कि नए परिसीमन के बाद वोटर शिफ्ट करने की स्थिति बन सकती है।

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