भोपाल
तकनीकी शिक्षा विभाग एक साल में व्यवसायिक परीक्षा मंडल व्यापमं के परीक्षा नियंत्रक की तलाश नहीं कर सका है। व्यापमं की परीक्षाओं में लगातार होने वाली गड़बड़ी के कारण अधिकतर अधिकारी परीक्षा नियंत्रक बनना नहीं चाहता है। वहीं, करीब आधा दर्जन प्रोफेसर्स ने परीक्षा नियंत्रक बनने में रुचि दिखाई है, लेकिल शासन को उनके बायोडाटा पसंद नहीं आ रहे हैं। इसलिए उनकी सीआर तलब की गई है।
कोरोना संक्रमण के कारण व्यापमं के परीक्षा नियंत्रक प्रो. अशोक कुमार सिंह भदौरिया की गत वर्ष 20 जनवरी को हुई थी। तब से परीक्षा नियंत्रक का पद रिक्त बना हुआ है। तकनीकी शिक्षा विभाग प्रभारी के भरोसे व्यापमं की परीक्षाएं आयोजित करा रहा है।
शासन ने परीक्षा नियंत्रक की नियुक्ति करने दो बार विज्ञापन जारी किया है, लेकिन नियुक्ति अभी तक नहीं कर सकी है। इसकी वजह व्यापमं की परीक्षाओं में लगातार गड़बड़ियां हो रही हैं। इससे कोई व्यापमं में रहना नहीं चाहता है और जो रहना चाहते हैं, शासन उन्हें नियुक्त नहीं करना चाहता है। दूसरी बार जारी किए गए विज्ञापन के लिए विभाग को एक दर्जन आवेदन मिले थे। इसमें आधा दर्जन प्रोफेसर और लेक्चरर को मापदंडों पर खरा उतरता नहीं देख बाहर कर दिया गया। जबकि आधा दर्जन प्रोफेसर और लेक्चरर का पैनल तैयार कर शासन को भेज दिया गया, लेकिन शासन पैनल में किसी को परीक्षा नियंत्रक नियुक्त नहीं किया है।
जानकारी के मुताबिक शासन पैनल में भेजे गए प्रोफेसर और लेक्चरर की सीआर और एनओसी विभागों से तलब कर रहा है। उक्त दस्तावेज आने के बाद मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान की समन्वय समिति में पैनल रखा जाएगा। इसके बाद परीक्षा नियंत्रक की नियुक्ति होगी। इसमें करीब दस दिन का समय लग सकता है।
प्रो. भदौरिया के निधन के बाद परीक्षा नियंत्रक का प्रभार भावना झारिया को दिया गया। अब उन्हें कार्यमुक्त कर मंत्रालय में पदस्थ किया गया है। उनके स्थान पर डॉ. पी. हेमलता को परीक्षा नियंत्रक का प्रभार दिया गया है। वे वर्तमान में चल रही आरक्षण भर्ती परीक्षा आयोजित करा रही हैं।
परीक्षा नियंत्रक बनने के लिए संचालनालय में पदस्थ डीके अग्रवाल, व्यापमं के पूर्व प्रभारी परीक्षा नियंत्रक संजय कुमार जैन, प्रीतक बाजपेयी महिला पॉलीटेक्निक भोपाल, आलोक यादव पॉलीटेक्निक छिंदवाड़ा, पूर्व डीटीई वीरेंद्र कुमार को पैनल में शामिल किया गया है।