गैसकांड त्रासदी के दिवंगतों को दी श्रद्धांजलि, राज्यपाल शामिल हुए

- सेंट्रल लाइब्रेरी बरकतउल्ला भवन में आयोजित हुई श्रद्धांजलि एवं सर्वधर्म सभा, पीड़ितों ने निकाली रैली

भोपाल। राज्यपाल मंगुभाई पटेल भोपाल गैस त्रासदी की 37वीं बरसी पर दिवंगत व्यक्तियों की स्मृति में सेंट्रल लाइब्रेरी बरकतउल्ला भवन में आयोजित श्रद्धांजलि एवं सर्वधर्म सभा में शामिल हुए। सभा में विभिन्न धर्माचार्यों द्वारा पाठ किया गया। दिवंगत आत्माओं की स्मृति में दो मिनट की मौन श्रद्धांजलि दी गई। इस अवसर पर भोपाल गैस त्रासदी राहत एवं पुनर्वास मंत्री विश्वास सारंग भी मौजूद थे। इधर गैस त्रासदी से जुड़े संगठनों द्वारा रैली भी निकाली गई।
37वीं बरसी पर भोपाल पीड़ितों की मांगे-
– गैस कांड के हर पीड़ित को यूनियन कार्बाइड और डाव केमिकल कम्पनी से कम से कम 8 लाख रूपए मुआवज़ा दिलाया जाए।
– गैस पीड़ितों के हर बच्चे के स्वास्थ्य को पहुंचे नुकसान के लिए यूनियन कार्बाइड और डाव केमिकल कम्पनी से कम से कम 2 लाख रुपया मुआवज़ा दिलाए।
– ज़हरीले भूजल से पीड़ित हर रहवासी के स्वास्थ्य को पहुंचे नुकसान के लिए यूनियन कार्बाइड और डाव केमिकल कम्पनी से कम से कम 2 लाख रुपए मुआवज़ा दिलाए।
– डाव केमिकल का इस देश में कारोबार तब तक के लिए बंद करें, जब तक कि कम्पनी भोपाल जिला अदालत से जारी सम्मन का पालन करते हुए आपराधिक प्रकरण में पेश नहीं होती। गैसकांड पर जारी आपराधिक मामले में सीबीआई जल्द से जल्द यूनियन कार्बाइड कम्पनी के नुमाइन्दे जॉन मैक्डोनाल्ड को पेश करे।
– गैस पीड़ितों के लिए बने अस्पतालों में इलाज का सही तरीका अपनाया जाए, ताकि दवाओं से आराम मिले न कि शरीर को नुकसान पहुंचे।
– ज़हरीले भूजल से पीड़ित रहवासियों को गैस पीड़ितों के लिए बने अस्पतालों में मुफ्त इलाज दिया जाए।
– गैस पीड़ित आबादी में जन्म, मृत्यु और जन्मजात विकृतियों के पंजीकरण के लिए विशेष व्यवस्था की जाए।
– निरेह द्वारा गैस और ज़हरीले भूजल से पीड़ित इन्सानों के स्वास्थ्य पर जो शोध कार्य बंद कर दिए गए हैं उन्हें चालू किया जाए।
– गैस पीड़ितों और उनके बच्चों को रोज़गार दिलाने के लिए आवंटित करोड़ों रुपए का इस्तेमाल कर जल्द से जल्द रोज़गार दिलाया जाए।
– गैस पीड़ित विधवा पेंशन से अकारण वंचित महिलाओं को तत्काल 1000 रुपए प्रति महिना पेंशन दिलाई जाए।
– प्रदेश सरकार से लीज़ की शर्तों के मुताबिक़ डाव केमिकल कम्पनी को भोपाल के मिट्टी पानी की ज़हर सफाई करने के लिए मजबूर किया जाए
– प्रदेश सरकार स्मारक बनाने का काम तब तक रोक कर रखे, जब तक कि ज़हर सफाई का काम पूरा नहीं हो जाता।
– कार्बाइड कारखाने के पीछे ज़हरीले तालाब में सिंघाड़े उगाने और मछली पालने के खतरनाक काम पर स्थाई रोक लगाई जाए।