नगर सरकार की किस्मत ईव्हीएम में बंद, पंच, सरपंच, जनपद सदस्यों को मिले प्रमाण-पत्र

सीहोर-रेहटी। त्रि-स्तरीय पंचायत चुनाव में जीतने वाले पंच, सरपंच एवं जनपद पंचायत के सदस्यों को गुरूवार कोे विकासखंड स्तर पर जीत के प्रमाण-पत्र वितरित किए गए। सुबह 10.30 बजे से जिले के सभी जनपद पंचायत कार्यालयों में मतगणना सारणीकरण का कार्य शुरू हुआ। इसके बाद सभी निर्वाचित जनप्रतिनिधियोें को प्रमाण-पत्रों का वितरण किया गया। इधर नगरीय निकाय चुनाव के बाद नगर सरकार की किस्मत भी ईव्हीएम में बंद हो गई है। अब 20 जुलाई कोे नगर सरकार का फैसला होगा, लेकिन उससे पहले सीहोर जिला पंचायत अध्यक्ष एवं जनपद पंचायतोें के अध्यक्षों कोे लेकर भी कवायद शुरू होगी। जिला पंचायत सदस्यों को जीत के प्रमाण पत्र आज वितरित किए जाएंगे।
पंचायत चुनाव के नतीजों के बाद गुरूवार को पंच, सरपंच एवं जनपद पंचायत सदस्यों के चुनाव नतीजे घोषित किए गए एवं निर्वाचित जनप्रतिनिधियों को जीत के प्रमाण पत्र वितरित किए गए। इसी कड़ी में शुक्रवार कोे जिला पंचायत सदस्यों को भी जीत के प्रमाण-पत्र दिए जाएंगे। जिले की जनपद पंचायत सीहोर, जनपद पंचायत इछावर, जनपद पंचायत आष्टा, जनपद पंचायत नसरूल्लागंज औैर जनपद पंचायत बुदनी में जीतेे हुए जनप्रतिनिधियोें को प्रमाण पत्र वितरित किए गए।
अब अध्यक्ष पद केे लिए होगी दावेदारी-
पंचायत चुनाव में जनपद एवं जिला पंचायत सदस्यों के लिए इस बार भाजपा, कांग्रेस समर्थित प्रत्याशियों सहित कई निर्दलीय प्रत्याशियोें ने भी किला लड़ाया। इस चुनावी लड़ाई में जहां भाजपा-कांग्रेस समर्थित प्रत्याशियों ने जीत दर्ज कराई तोे वहीं जनपद पंचायत के कई वार्ड ऐसे भी रहे जहां पर निर्दलीय प्रत्याशी जीतकर आए। अब इन्हीं सदस्यों में से किसी एक को जनपद पंचायतोें का अध्यक्ष बनाया जाएगा। इसके लिए अभी से लॉबिंग भी शुरू हो गई है। अध्यक्ष कौन बनेगा, इसको लेकर पार्टी स्तर से नाम तय होगा, लेकिन सब निर्वाचित जनपद सदस्य अपने-अपने स्तर से अपना नाम आगेे बढ़ानेे की कवायद में जुटे हुए हैं।
जिला पंचायत के लिए होगी कड़ी दावेदारी-
इस बार जिला पंचायत अध्यक्ष के लिए तगड़ी दावेदारी सामने आएगी। जिला पंचायत के निर्वाचित सदस्योें का निर्णय आज होगा, लेकिन अभी तक मिले नतीजों से सामने आया है कि जिला पंचायत सदस्यों में से 9 प्रत्याशी कांग्रेस समर्थित जीतेे हैं, जबकि 7 भाजपा समर्थित प्रत्याशियों ने जीत दर्ज कराई है। एक वार्ड के नतीजों की स्थिति साफ नहीं है। अब यह देखना दिलचस्प होगा कि जिला पंचायत अध्यक्ष की कुर्सी भाजपा अपनेे पास रखती है या फिर कांग्रेस इसको छीनकर ले जाएगी। फिलहाल हर तरह के दांव-पेेंच शुरू हो गए हैं। यह भी संभव है कि जिला पंचायत सदस्योें की खरीद-फरोख्त हो।