सीहोर। सीहोर जिले में चल रहे दस्तक अभियान के तहत एएनएम, आशा एवं आंगनबाड़ी कार्यकर्ता घर-घर जाकर पांच वर्ष तक के बच्चों के स्वास्थ्य की जांच कर बीमारियों की पहचान कर रहे हैं, लेकिन इसमें भी कई जगह लापरवाही सामने आ रही है। इसी तरह का मामला सीहोर जिले के बिजौरी और चांदबड़ में भी सामने आया। दरअसल दस्तक अभियान जिलेभर में 31 अगस्त तक जारी रहेगा। इसके तहत 9 प्रकार की स्वास्थ्य सेवाएं उपलब्ध कराई जा रही हैं। इसके निरीक्षण के लिए जिला टीकाकरण अधिकारी डॉ. एमके चंदेल उप स्वास्थ्य केन्द्र बिजौरी पहुंचे। यहां कम्युनिटी हेल्थ आॅफिसर डॉ. लोकेंद्र परमार एवं एएनएम पपीता नागर अनुपस्थित मिलीं। इसी तरह चांदबड़ के गांव धनखेड़ी में भी कम्युनिटी हेल्थ आॅफिसर चंदा मालवीय तथा एएनएम सुन्नी मालवीय अनुपस्थित मिलीं। जिला टीकाकरण अधिकारी डॉ. चंदेल के प्रतिवेदन पर सीएमएचओ डॉ. सुधीर डेहरिया ने एक-एक दिन का वेतन काटने के निर्देश दिए हैं।
निमोनिया सहित अन्य बीमारियों की हो रही जांच-
दस्तक अभियान के तहत बच्चों में होने वाले निमोनिया, बुखार, खांसी सहित कुपोषण व अन्य बीमारियों को लेकर अमला मैदान में जुटा हुआ है। अभियान के तहत गंभीर कुपोषित बच्चों की पहचान और देखरेख की जानकारी लोगों को दी रही है। साथ ही 6 माह से 5 वर्ष तक के बच्चों का डिजिटल हिमोग्लोबिन मीटर के उपयोग से खून की कमी की स्क्रीनिंग कर उसका उपचार किया जा रहा है। इसके साथ ही 9 माह से 5 साल तक के सभी बच्चों को विटामिन ए का घोल भी पिलाया जा रहा है।