6 दिन बाद भी नहीं लगा तहसीलदार नरेंद्र ठाकुर का सुराग, उठने लगी है पुलिस जांच की मांग

6 दिन बाद भी नहीं लगा तहसीलदार नरेंद्र ठाकुर का सुराग, उठने लगी है पुलिस जांच की मांग

सीहोर। सीहोर स्थित करबला पुल से गाड़ी के साथ सीवन नदी में बहे तहसीलदार नरेंद्र ठाकुर का 6 दिन बाद भी कोई सुराग नहीं लग सका है। एसडीआरएफ टीम के बाद एनडीआरएफ की टीम को भी सर्चिंग के लिए लगाया था, लेकिन उसके बाद भी अब तक कोई पता नहीं चल सका है। बताया जा रहा है कि एनडीआरएफ की टीम ने पहले दिन करीब 5-6 किलोमीटर तक सर्चिंग की थी, लेकिन शनिवार को सर्चिंग आॅपरेशन नहीं किया। एसडीआरएफ की टीम सर्चिंग करने में लगी हुई है। इधर तहसीलदार नरेंद्र ठाकुर के परिजन एवं रिश्तेदार सहित सीहोर नगरवासी अब पुलिस जांच की मांग भी करने लगे हैं। इसको लेकर तहसीलदार के बेटे एवं परिजनों ने भी आशंका जाहिर की थी और कलेक्टर चंद्रमोहन ठाकुर को ज्ञापन भी सौंपा था। यदि पुलिस इस मामले की जांच करें तो कई अहम सुराग हाथ लग सकते हैं।
बिना शर्ट-बनियान के मिला था पटवारी का शव-
दरअसल हादसे में तहसीलदार नरेंद्र ठाकुर के साथ पटवारी महेंद्र रजक भी थे, लेकिन सर्चिंग आॅपरेशन के दौरान पटवारी महेंद्र रजक का शव मिल गया, लेकिन शव जिस स्थिति में मिला था उससे शक की सुर्इं दूसरी तरफ भी जा सकती है। पटवारी महेंद्र रजक का शव बिना शर्ट एवं बनियान के मिला था। हालांकि इस मामले में कहा जा रहा है कि पटवारी किसी झाड़ी में फंस गया था, जिससे उसका शर्ट एवं बनियान निकल गई।
मिट्टी खोदकर भी की सर्चिंग-
परिजनों को यह आशंका भी थी कि कहीं तहसीलदार मिट्टी में तो नहीं धंस गए। इसके बाद एनडीआरएफ की टीम द्वारा चलाए अपने सर्चिंग आॅपरेशन में मिट्टी भी खोदकर खोजा गया, लेकिन इसमें भी कोई सुराग नहीं मिल सका है। अब परिजन एवं सीहोर नगरवासी पुलिस जांच की मांग कर रहे हैं, ताकि स्थिति स्पष्ट हो एवं तहसीलदार नरेंद्र ठाकुर का पता चल सके।
फुटेज में हो सकती है स्थिति साफ-
तहसीलदार एवं पटवारी के गुम होने की रिपोर्ट के बाद पुलिस ने कई पहलुओं पर जांच की थी। पुलिस टीम ने कई फुटेज भी खंगाले थे। बताया जा रहा है कि पुलिस के पास वे फुटेज भी हैं, जहां पर तहसीलदार, पटवारी एवं उनके अन्य दो साथी पार्टी मनाने गए थे। यदि पुलिस टीम इस मामले की जांच करें तो मामला संदिग्ध भी हो सकता है। फिलहाल सर्चिंग आॅपरेशन का इंतजार किया जा रहा है। परिजनों को अब भी उम्मीद है कि तहसीलदार नरेंद्र ठाकुर सही-सलामत वापस आएंगे।
यह थी घटना-
शाजापुर जिले की मोहन बड़ोदिया तहसील में पदस्थ सीहोर निवासी तहसीलदार नरेंद्र ठाकुर एवं नसरूल्लागंज तहसील में पदस्थ पटवारी महेंद्र रजक की गाड़ी रविवार शाम को करबला पुल पर पानी के तेज बहाव से सीवन नदी में बह गई थी। इसके बाद इस मामले में मंडी थाने में गुमशुदगी की रिपोर्ट दर्ज कराई गई थी। इसके बाद तहसीलदार नरेंद्र ठाकुर एवं पटवारी महेंद्र रजक को खोजने की प्रक्रिया शुरू हुई। इसमें बुधवार को पटवारी महेंद्र रजक का शव तो सीहोर से करीब 8 किलोमीटर दूर ग्राम सेवनियां, छापरी के पास मिल गया, लेकिन तहसीलदार नरेंद्र ठाकुर का अब तक कुछ पता नहीं चल सका है। अब नरेंद्र ठाकुर के परिजन भी इस घटना को सोची-समझी साजिश बता रहे हैं।
परिजनों ने जताई है प्रापर्टी विवाद की आशंका-
बताया जा रहा है कि कुछ प्रापर्टी को लेकर आशंका है कि नरेंद्र ठाकुर के साथ यह सब प्लानिंग के साथ किया गया है। इस संबंध में तहसीलदार संघ के पदाधिकारियों के साथ तहसीलदार नरेंद्र ठाकुर के बेटे एवं अन्य परिजनों ने कलेक्टर चंद्रमोहन ठाकुर से मुलाकात भी की थी। परिजनों ने एक ज्ञापन भी सौंपा था, जिसमें पूरे मामले की जांच पुलिस से करवाने की बात कही है।
इनका कहना है-
तहसीलदार नरेंद्र ठाकुर की सर्चिंग लगातार की जा रही है। एसडीआरएफ की टीम के साथ ही एनडीआरएफ की टीम भी लगाई गई है, लेकिन अब तक तहसीलदार का कोई पता नहीं चल सका है।
– कुलदीप मलिक, जिला कमांडेंट, होमगार्ड-एसडीआरएफ, सीहोर

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