आंवलीघाट में भूतड़ी अमावस्या पर भूतों का मेला, उमड़ा आस्था का सैलाब, एक लाख से अधिक पहुंचे
सभी पार्किंग स्थल हुए फुल, 350 से ज्यादा पुलिसकर्मियों की लगाई ड्यूटी, कलेक्टर-एसपी ने लिया नर्मदा आंवलीघाट का जायजा
Sumit Sharma
सीहोर। चैत्र नवरात्रि से पहले भूतड़ी अमावस्या पर आंवलीघाट में जहां आस्था का सैलाब उमड़ा तो वहीं यहां पर भूतों का मेला भी लगा। प्रसिद्ध नर्मदा तट आंवलीघाट पर भूतड़ी अमावस्या के स्नान के लिए दो दिन पहले से ही श्रद्धालुओं के पहुंचने का क्रम शुरू हो गया, जो अमावस्या के दिन तक जारी रहा। अमावस्या पर रात 12 बजे से ही लोगों ने स्नान करना शुरू कर दिया। इधर अमावस्या पर नर्मदा तट पर व्यवस्थाओं को देखने के लिए कलेक्टर बालागुरू के एवं पुलिस अधीक्षक दीपक कुमार शुक्ला ने भी निरीक्षण किया। इससे पहले एएसपी सुनीता रावत ने यहां पर पुलिस बल को निर्देश देते हुए उनकी यहां पर तैनात की। सभी पार्किंग फुल, 350 से ज्यादा पुलिस बल तैनात- भूतड़ी अमावस्या पर आंवलीघाट आने वाले श्रद्धालुओं के लिए अलग-अलग पांच से अधिक स्थानों पर पार्किंग की व्यवस्था की गई। मछुवारा भवन के पास करीब 35 एकड़ में पार्किंग बनाई गई। इधर सोसायटी भवन, पांगरा रोड, कीर केसरिया के पास भी पार्किंग व्यवस्था की गई। इसके अलावा पुल के पास भी पार्किंग की व्यवस्था की गई। ज्यादातर पार्किंग एक दिन पहले ही फुल हो गई तो वहीं अमावस्या के एक दिन पहले भी लगातार वाहनों की कतार यहां पर लगी रही। दूर-दूर से श्रद्धालु आंवलीघाट में स्नान के लिए पहुंचे। श्रद्धालुओं की सुरक्षा के लिए 350 से ज्यादा पुलिस बल एवं अन्य सुरक्षा बलों के जवानों को यहां पर तैनात किया गया। स्थानीय पुलिस बल, होमगार्ड के जवान, विशेष सशस्त्र बल, कोटवार की भी ड्यूटी यहां पर लगाई गई। चप्पे-चप्पे पर सुरक्षा बल मौजूद रहा। एएसपी सुनीता रावत, एसडीओपी बुधनी रवि शर्मा, एसडीएम बुधनी दिनेश सिंह तोमर, रेहटी तहसीलदार भूपेंद्र कैलासिया, नायब तहसीलदार युगविजय सिंह यादव, रेहटी थाना प्रभारी राजेश कहारे सहित अन्य पुलिस अधिकारी एवं राजस्व का अमला भी यहां पर तैनात रहा। रात में लगा भूतों का मेला – चैत्र नवरात्रि से पहले आने वाली अमावस्या को भूतड़ी अमावस्या कहा जाता है। इस दिन आंवलीघाट तट पर भूतों का मेला भी लगता है। दरअसल यह परंपरा वर्षों से चली आ रही है और आज भी इस परंपरा को निभाया जा रहा है। कहा जाता है कि जिन लोगों के शरीर में बाहरी बाधाएं होती हैं उनको यहां पर नर्मदा स्नान के लिए लाया जाता है। इसके अलावा जिन लोगों को देवी-देवता शरीर में आते हैं वे भी इस दिन यहां पर स्नान के लिए आते हैं एवं यहां पर स्नान करके नए वस्त्र धारण करते हैं। इस दौरान वे अपने मठ, देव स्थान के शस्त्रों को भी नर्मदा में शुद्ध करते हैं। पुराने वस्त्रों को यहीं पर छोड़कर जाते हैं। इसके बाद जिन लोगों को बाहरी बाधाएं रहती हैं उनके शरीर में उनको बुलाया जाता है। इस दौरान ढोल, ढोलक, मंजीरे भी बजाए जाते हैं। कई लोग रातभर यहां पर भजन-कीर्तन भी करते हैं। इसके बाद सुबह लोग आंवलीघाट से रवाना होकर सलकनपुर स्थित मां बिजासन के दरबार में भी पहुंचते हैं एवं मां बिजासन के दर्शन करके अपने घरों की तरफ रवाना होते हैं। आंवलीघाट का है पौराणिक महत्व – प्रसिद्ध नर्मदा तट आंवलीघाट का पौराणिक एवं धार्मिक महत्व भी है। कहा जाता है कि यहां पर हत्याहरणी हथेड़ नदी एवं नर्मदा का संगम स्थल है। इस कारण इसका महत्व अधिक है। ऐसी मान्यता है कि यहां वर्ष में दो बार प्रथम गंगा दशमी एवं आंवला नवमीं पर प्रतिवर्ष भीम नर्मदा नदी में स्नान करने आते हैं। इन दो तिथियों में भीम प्रातः चार बजे स्नान कर वापस चले जाते हैं। यहां नदी के पास रज रेत में भीम के पैरों के निशान जो कि करीब 20 इंच लंबे होते हैं, जो इन तिथियों के आसपास ही देखने को मिलते हैं। कुछ भक्त इन पैरों के निशान की पूजा भी करते हैं। कुछ समय पश्चात इन पैरों के निशानों का रेत में पता ही नहीं चलता। इसके अलावा नर्मदा तट आंवलीघाट पर अनेक ऋषि, मुनि, संत, तपस्वी आते जाते थे, पुराणों में भी इनका उल्लेख मिलता है। आंवलीघांट पर उत्तर की ओर ब्रम्हयोनी है। इसमें से होकर निकलने पर मन की सभी मुरादें पूरी होती हैं। कुछ लोग इसे इंद्रजोन भी कहते हैं। उत्तर तट पर मां नर्मदा के प्राचीन मंदिर हैं, वहीं दक्षिण तट पर प्राचीन नर्मदा मंदिर, श्री 1008 श्री दुर्गानंदजी महाराज धुनीवाले खंडवा की समाधि स्थल, भगवान शंकर का मंदिर, हनुमान मंदिर एवं अनेक धर्मशालाएं हैं। यहां सबसे प्राचीन नर्मदा मंदिर है। यहां कूल्हडा से लेकर नावघाट तक शक्तिक्षेत्र है। यह भी मान्यता है कि सोमवती अमावस्या पर आंवलीघाट में पांडव स्नान, दर्शन कर दोषमुक्त हुए थे। इसे नर्मदाकुंभ कहते हैं। आंवलीघाट से दो किलोमीटर दूर पश्चिम दिशा में ग्राम ग्वाडी है। यहां भावनाथ बाबा की पहाड़ी है। कलेक्टर-एसपी ने किया निरीक्षण, एएसपी ने बल को दिए निर्देश- भूतड़ी अमावस्या पर बड़ी संख्या में श्रद्धालुओं का स्नान के लिए आंवलीघाट आगमन होता है। कलेक्टर बालागुरू के तथा एसपी दीपक कुमार शुक्ला ने आंवलीघाट पहुंचकर व्यवस्थाओं का जायजा लिया। उन्होंने कहा कि श्रद्धालुओं का आगमन तथा स्नान सुगमता से हो सके, इसके लिए सभी व्यवस्थाएं सुचारू रूप से संचालित हों तथा सभी संबंधित अधिकारी पूरी मुस्तैदी के साथ ड्यूटी करें। उन्होंने यातायात, पार्किंग तथा स्नान के लिए घाट पर सुरक्षा व्यवस्था बेहतर बनाए रखने के निर्देश दिए। निरीक्षण के दौरान एसडीएम दिनेश सिंह तोमर सहित अन्य अधिकारी उपस्थित थे। इधर भूतड़ी अमावस्या पर आंवलीघाट की व्यवस्था हेतु बाहर से प्राप्त पुलिस बल, जिले का स्थानीय पुलिस बल, होमगार्ड बल, विशेष सशस्त्र बल, कोटवार को लगाया गया है तथा नदी घाटों पर विशेष रूप से एसडीईआरएफ का बल तैनात किया गया है। पुलिस अधीक्षक दीपक कुमार शुक्ला के निर्देशानुसार एएसपी सुनीता रावत ने भूतड़ी अमावस्या पर आंवलीघाट की व्यवस्था, यातायात व्यवस्था, पार्किंग व्यवस्था, मार्ग व्यवस्था में लगे बल को ब्रीफ करते हुए आवश्यक दिशा निर्देश दिए। उन्होंने कहा कि नदी के घाटों पर विशेष निगाह रखी जाए। महिला, बच्चियों की सुरक्षा पर विशेष ध्यान दिया जाए। ड्यूटी के दौरान समस्त बल का व्यवहार विन्रम एवं सहनशील रखे। फिक्स पिकेट्स एवं घाटों पर लगा बल अपने पॉइंट के आसपास के क्षेत्र पर सतत एवं सूक्ष्म निगाह रखें। नदी घाटों पर मोबाइल पेट्रोलिंग लगातार की जाए। ड्यूटीरत समस्त बल सुगम यातायात व्यवस्था, पार्किंग तथा मार्ग व्यवस्था बनाए रखें। इस दौरान एसडीओपी बुधनी रवि शर्मा, रक्षित निरीक्षक सीहोर उपेंद्र यादव सहित ड्यूटी में तैनात समस्त बल उपस्थित रहा।